लामा व शरणार्थियों ने राष्ट्रपति व सांसद के लिए किया मतदान

गया बोधगया में रह रहे तिब्बती समुदाय लामा व शरणार्थियों ने रविवार को केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के राष्ट्रपति पद के लिए मतदान किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 11:24 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 11:24 PM (IST)
लामा व शरणार्थियों ने राष्ट्रपति व सांसद के लिए किया मतदान
लामा व शरणार्थियों ने राष्ट्रपति व सांसद के लिए किया मतदान

गया : बोधगया में रह रहे तिब्बती समुदाय लामा व शरणार्थियों ने रविवार को केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के राष्ट्रपति पद के लिए मतदान किया। तिब्बती बौद्ध मठ में बनाये गए मतदान केंद्र में सुबह से ही लोग वोटिग के लिए जुटने लगे। उत्साह से लबरेज तिब्बतियों ने मतदान में हिस्सा लिया। वहीं चीन के प्रति उनमें गुस्सा भी दिखा। अंतिम चरण के हुई इस मतदान में निर्वासित तिब्बती संसद के 45 सदस्यों के लिए भी वोटिग हुई। दुनियाभर से हुई वोटिग का आंकड़ा आने के बाद 14 अप्रैल को परिणाम घोषित किया जाएगा। राष्ट्रपति पद के लिए मुकाबला में पेन्पा त्सेरिग और औकात्संग केलसांग दोर्जी दो उम्मीदवार हैं। 45 संसदीय सांसद सीटों के लिए 95 उम्मीदवार हैं। बोधगया स्थित तिब्बत बौद्ध मठ के प्रभारी लामा आमजे ने बताया कि तिब्बत की संसद में 45 सीट है। इसमें तिब्बत के तीन पारंपरिक प्रांतों-यू-त्सांग, धोते और धोमी में से 10-10 प्रतिनिधि है। तिब्बती बौद्ध धर्म और प्री-बौद्ध बॉन धर्म के चार स्कूलों में से दो-दो प्रतिनिधि हैं। तिब्बत की निर्वासित संसद में दो सीट महिलाओं के लिए रिजर्व है। तिब्बत की निर्वासित संसद का मुख्यालय हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में स्थित है।

तिब्बत की निर्वासित सरकार की ग्रीन बुक के मुताबिक भारत में करीब 1 लाख तिब्बती रहते हैं, जबकि बाकी अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील जैसे देशों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी लोकतांत्रिक देश में चुनाव को वहां के नागरिक के मौलिक अधिकारों और कर्तव्य में से एक माना जाता है। ऐसे ही तिब्बतियों के लिए भी चुनाव अहम है। 17वीं निर्वासित संसद के सदस्यों के चुनाव के लिए अंतिम चरण का चुनाव रविवार को हुआ। धर्मशाला में सीटीए के चुनाव आयोग दो दिन में परिणाम की घोषणा करेगी।

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