उम्रकैद काट रही थीं राजद की पूर्व विधायक कुंती देवी, जानिए क्‍या थी वह घटना जिसमें हुई थी सजा

पूर्व विधायक कुंती देवी के निधन से एक बार फिर उस घटना की यादें ताजा हो गई हैं जिसमें वे उम्रकैद की सजा काट रही थीं। मामला करीब आठ वर्ष पुराना है। वर्ष 2013 में जदयू के प्रखंड अध्‍यक्ष की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी गई थी।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 07:02 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 07:02 PM (IST)
उम्रकैद काट रही थीं राजद की पूर्व विधायक कुंती देवी, जानिए क्‍या थी वह घटना जिसमें हुई थी सजा
जदयू नेता हत्‍याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही थीं पूर्व विधायक कुंती देवी। प्रतीकात्‍मक फोटो

गया, जागरण संवाददाता। मुखिया से राजनीतिक सफर की शुरुआत कर विधायक की कुर्सी तक पहुंचने वालीं कुंती देवी के निधन के बाद एक बार फिर वह घटना लोगों के जेहन में आ गई है  जिसमें वे उम्रकैद की सजा काट रही थीं। यह था जदयू नेता सुमरिक यादव हत्‍याकांड। करीब आठ वर्ष पूर्व दिनदहाड़े हुए हत्‍याकांड ने गया से पटना तक की राजनीति को गर्म कर दिया था। उस मामले मेंं इसी वर्ष कोर्ट ने सजा सुनाई थी। हालांकि पूर्व विधायक इसे राजनी‍तिक साजिश बताती रहीं। वे पार्टी के ही एक नेता पर साजिश रचने का आरोप लगा रही थीं।  

सरेआम कर दी गई थी सुमरिक यादव की हत्‍या

जदयू के प्रखंड अध्‍यक्ष सुमरिक यादव 26 फरवरी 2013 को कार्यालय बंद कर घर लौट रहे थे। इसी क्रम में नीमचक बथानी बाजार में कुंती देवी के इशारे पर कुछ लोगों ने सुमरिक यादव को लाठी-डंडे और रॉड से पीटना शुरू किया। वे तब तक पीटते रहे जबतक सुमरिक ने दम नहीं तोड़ दिया। इस मामले में कुंती देवी, उनके पुत्र वर्तमान विधायक रंजीत यादव समेत अन्‍य को आरोपित किया था। राजनीतिक कारणों से हत्‍या का आरोप लगाते हुए नीमचक बथानी थाने में इसकी प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। घटना से उबाल आ गया। एफएसएल की टीम ने कुंती देवी के घर में छापेमारी की। वहां से खून सने रॉड व डंडे बरामद किए गए थे।  दस लोगों ने घटना के पक्ष में गवाही दी थी। इसके बाद 23 जनवरी 2021 को कुंती देवी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।  

विजय जुलूस के दौरान फायरिंग से मौत मामले में पति काट रहे उम्रकैद 

अतरी विधानसभा सीट पर कुंती देवी के पति राजेंद्र यादव सन 1995 जनता दल के टिकट पर विधायक चुने गए थे।  इसके बाद सन 2000 और 2005 में वे राजद के विधायक बने। इस  दौरान उन्‍होंने सन 2001 में पत्‍नी कुंती देवी को मुखिया का चुनाव लड़वाया। सन 2005 की बात है। विधायक निर्वाचित होने के बाद राजेंद्र यादव का विजय जुलूस निकला था। वे अपने गांव माधोबीघा जा रहे थे। इसी दौरान दरियापुर गांव के पास विजय जुलूस में शामिल लोगों ने फायरिंग की।  एक गोली छत से विजय जुलूस देख रही बच्‍ची को जा लगी। बच्‍ची की मौत हो गई। उस मामले में वे उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। अक्‍टूबर में हुए चुनाव में कुंती देवी विधायक चुनी गई थीं।  यादव वर्तमान में गया जेल में बंद हैं। 

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