जानिए कोविड कैसे हड्डियों को भी कर रहा खराब, पोस्‍ट कोविड हो रहा घातक बोन डेथ

अब सामने आया है कि कोविड-19 हड्डियों को भी प्रभावित कर रहा है। जिन लोगों को कोविड हो चुका है उनमें हड्डियों व जोड़ों में दर्द की समस्या आ रही है। इसके साथ ही हड्डियों को लेकर घातक बोन डेथ होने की समस्या भी सामने आ रही है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Mon, 19 Jul 2021 10:53 AM (IST) Updated:Mon, 19 Jul 2021 10:53 AM (IST)
जानिए कोविड कैसे हड्डियों को भी कर रहा खराब, पोस्‍ट कोविड हो रहा घातक बोन डेथ
पोस्‍ट कोविड हड्डियों की ये समस्‍या सामने आ रही, सांकेतिक तस्‍वीर।

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस आफ्टर इफेक्ट्स के रूप में कई सारे लक्षण छोड़ रहा है। फेंफड़ों में संक्रमण, डायबिटीज, ब्लड क्लॉट, ब्लैक फंगस सहित इसके कई दुष्प्रभाव देखे जा रहे है। अब सामने आया है कि ये हड्डियों को भी प्रभावित कर रहा है। जिन लोगों को कोरोना हो चुका है उनमें हड्डियों व जोड़ों में दर्द की समस्या आ रही है। इसके साथ ही हड्डियों को लेकर घातक बोन डेथ होने की समस्या भी सामने आ रही है।

सामने आ रही दर्द की समस्या

सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. विकास कुमार ने बताया कि कई पोस्ट कोविड मरीज हड्डियों में और जोड़ो में दर्द की समस्या बता रहे हैं। ये लक्षण कई मरीजों में देखे जा रहे हैं। डॉ . विकास ने बताया कि अब तक की स्टडी में ये सामने आया है कि मरीजों ने कोविड के इलाज के दौरान स्टेरॉयड लिए हैं। इसका प्रभाव हड्डियों को भी परेशान कर रहा है। उन्होंने कहा कि अभी हमारे यहां पर एवस्कुलर नेक्रोसिस का कोई मामला पुष्ट नहीं हुआ है लेकिन अब तक कई शहरों में जगह पर ऐसी रिपोटर्स आ रही है। इस पर एसएन में स्टडी की जा रही है।

 ये है बोन डेथ

 चिकित्सक ने बताया कि एवस्कुलर नेक्रोसिस को हड्डी के ऊतकों की मृत्यु के रूप में भी जाना जाता है , यह एक ऐसा रोग है जो हड्डी तक पर्याप्त खून न पहुंचने की वजह से होता है जो आमतौर पर फीमर या कूल्हे की हड्डी में होता है। खून की आपूर्ति न होने के कारण हड्डी के ऊतक मर जाते हैं , जिससे नेक्रोसिस हो जाता है। हाल ही में सामने आए मामले कूल्हे की हड्डी के थे लेकिन नेक्रोसिस शरीर की किसी भी हड्डी में हो सकता है।

ये हैं बोन डेथ के लक्षण

 - जब और कूल्हे की हडियो में दर्द।

 - हर समय हडियों में दर्द रहन।

 - चलने में परेशनी होना .बथ , काधे , घुटने , पैर और जोड़ों में दर्द।

 ये है बोन डेथ का इलाज

 चिकित्सक ने बताया कि ज्यादातर बीमारियों की तरह बोन डेव में में भी जितना जल्दी निदान होगा उत्तना ही इलाज से फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में यदि ये पता चल जाए तो इसे दवाओं और फिजियोथेरपी इत्यादि से भी दूर किया जा सकता है लेकिन इसे पहचानने में देर हो जाए तो रिप्लेसमेंट ही इसका उपचार होता है। कई बार हड्डी की क्षतिग्रस्त आतरिक परत और कार डीप्रेसन को हटाने के लिए सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है।

ये अंग होते हैं प्रभावित

एवैस्कुलर नेक्रोसिस यानि बोन डेथ का सीधा प्रभाव हड्डियों पर पड़ता है। जिन मरीजो में यह बीमारी देखी गई है उन्हें सबसे पहले फीमर बोन में दर्द हुआ था। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि इस बीमारी का लक्षण हड्डियों के दर्द से शुरू होता है।

chat bot
आपका साथी