तलवार की नोक पर लटकी Kaimur के शिक्षकों की नौकरी, 20 जुलाई तक अंतिम मोहलत, बचाने के लिए ये करें
निगरानी की जांच की डर से 106 शिक्षकों ने पहले ही छोड़ दी है नौकरी निगरानी की जांच में 24 शिक्षकों के मिले थे फर्जी प्रमाण पत्र फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कर राशि वसूली की हुई है कार्रवाई।
जागरण संवाददाता, भभुआ। कैमूर जिले में पंचायती राज संस्थान व नगर निकाय संस्थानों द्वारा वर्ष 2006 से 2015 की अवधि तक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच निगरानी द्वारा की जा रही है। जिले के 692 शिक्षकों के नियोजित फोल्डर निगरानी को उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके आलोक में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने निर्देश जारी करते हुए डीइओ डीपीओ को शिक्षकों के नियोजन फोल्डर का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया था।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक के निर्देश के तहत जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना द्वारा नियोजित शिक्षकों के फोल्डरों का भौतिक सत्यापन किया गया। प्राथमिक शिक्षा निदेशक के पुन: निर्देश के आलोक में पोर्टल पर कागजात अपलोड करने के लिए 20 जुलाई तक का मौका दिया गया है। निर्धारित तिथि तक शिक्षकों के फोल्डर अपलोड नहीं होने की स्थिति में इन शिक्षकों की नौकरी जा सकती है। भौतिक सत्यापन के बाद भी 1889 शिक्षक शिक्षिकाओं के फोल्डर नहीं प्राप्त हुए।
इस संबंध में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना दयाशंकर सिंह ने बताया कि 20 जुलाई तक शिक्षकों को फोल्डर पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि निगरानी की जांच की डर से 106 शिक्षकों ने पहले ही नौकरी छोड़ दी है। निगरानी की जांच में 24 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले थे। इन शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कर राशि वसूली की कार्रवाई भी की गई है।
प्रखंडवार नियोजित शिक्षकों के फोल्डर नहीं मिलने की संख्या