Kaimur News: बारिश से चांद प्रखंड में धान की फसल को भारी नुकसान, किसान निराश

बीते दिनों कैमूर जिले में जमकर हुई बारिश से चांद प्रखंड में धान की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। इससे किसानों में निराशा देखी जा रही है। चांद प्रखंड के किसानों ने सरकार से फसल क्षतिपूर्ति देने की मांग की है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 04:23 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:23 PM (IST)
Kaimur News: बारिश से चांद प्रखंड में धान की फसल को भारी नुकसान, किसान निराश
फसलों को नुकसान, किसान मायूस, सांकेतिक तस्‍वीर।

चांद (कैमूर), संवाद सूत्र। बीते दिनों कैमूर जिले में जमकर हुई बारिश से चांद प्रखंड में धान की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। इससे किसानों में निराशा देखी जा रही है। चांद प्रखंड के किसानों ने सरकार से फसल क्षतिपूर्ति देने की मांग की है। धान की फसल खराब होने से किसानों को धान कटाई एवं बची-खुची फसल बेचने में समस्या आएगी। किसानों को गेहूं की फसल लगाने के लिए आर्थिक मदद की आवश्यकता पड़ेगी।

किसानों ने खेत में धान फसल की कई किस्म की खेती की थी। कुछ किसानों ने गरमा फसल तो कुछ किसानों ने सुगंधित धान की खेती की थी। मगर बेमौसम बारिश से पकी हुई धान की फसल वाले खेत में पानी भर गया है। बढे हुए धान के पौधे तेज हवा एवं बारिश से जमीन पर गिर गए हैं। किसान सुनील कुमार सिंह ने कहा कि तेज हवा के साथ बेमौसम बारिश से धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। तेज हवा के साथ बारिश ने धान की बाली में लगे फूल को झाड़ दिया है। धान की बाली से फूल झडऩे के चलते धान का नुकसान हो गया। जो थोड़ी-बहुत फसल बच भी गई, उसका दाना पुष्ट नहीं होगा।

कहते हैं कृषि वैज्ञानिक: -

  इस संबंध में कृषि वैज्ञानिक अमित कुमार सिंह ने कहा कि बुजुर्गों की कहावत है की चित्रा नक्षत्र में हवा नहीं डोले। उन्होंने कहा कि धान की बाली निकलते समय तेज हवा नुकसानदायक है। चित्रा नक्षत्र में तेज बारिश से एवं हवा से धान की बाली में लगे फूल झडऩे से पैदावार कम होता है। बेमौसम तेज बारिश होने से किसानों के 30 से 40 प्रतिशत धान की पैदावार कम होगी। इस साल मानसू में हथिया तो खूब बरसा, जिससे फसलों को काफी फायदा हुआ। मगर चित्रा नक्षत्र में भी बारिश हो गई। चित्रा नक्षत्र की बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है।

chat bot
आपका साथी