Kaimur News: बाईपास पर लगा कूड़े का अंबार, आसपास रहने वाले लोगों में बीमारी फैलने का डर
नगर परिषद के सफाई कर्मियों के अलावा एनजीओ के माध्यम से भी सफाई का कार्य कराया जाता है। इसके अलावा वार्ड के लोग कूड़ा इधर उधर न फेंके इसके लिए डोर टू डोर कूड़ा का भी उठाव कराया जाता है।
जागरण संवाददाता, भभुआ। भभुआ नगर परिषद सफाई कराने के लिए तरह-तरह के कार्य करा रहा है। नगर परिषद के सफाई कर्मियों के अलावा एनजीओ के माध्यम से भी सफाई का कार्य कराया जाता है। इसके अलावा वार्ड के लोग कूड़ा इधर उधर न फेंके इसके लिए डोर टू डोर कूड़ा का भी उठाव कराया जाता है। लेकिन, नगर परिषद को बाइपास मार्ग में कूड़े का लगा अंबार नहीं दिखाई दे रहा। नगर परिषद के पदाधिकारी व प्रतिनिधि सिर्फ विकास का दावा कर रहे हैं। अपने-अपने वार्डों में सही तरीके से सफाई होने की बात कह रहे हैं। लेकिन बाइपास मार्ग में गंदगी देख कर नप के पदाधिकारी व प्रतिनिधियों का दावा झूठा ही साबित हो रहा है। इस मार्ग के आसपास रहने वाले लोगों को बीमारी फैलने का डर है।
इस मार्ग से होकर आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि बाइपास मार्ग से सटे नगर परिषद के तीन-चार वार्ड हैं। इन वार्डों के लोग इस मार्ग से आते-जाते हैं। बाइपास मार्ग में अब आबादी भी बढ़ने लगी है। कई दुकानें खुल गई हैं तो गिट्टी बालू की मंडी भी इसी मार्ग में है। पेट्रोल टंकी के अलावा इस मार्ग में ही तीन मैरेज हाल भी हैं। भभुआ से पूरब पोखरा बस स्टैंड जाने वाले कई बाइक या चार पहिया सवार लोग बाइपासा मार्ग से ही निकलते हैं। ऐसे में इस मार्ग में फैली गंदगी से इस मार्ग के आसपास रहने वाले व आने जाने वाले लोगों को परेशानी होती है। उधर नगर परिषद पिछले दो-तीन वर्ष से कूड़ा निस्तारण के लिए जगह की तलाश कर रहा है। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हो सकी।
कहते हैं चेयरमैन
इस संबंध में चेयरमैन जैनेंद्र कुमार आर्य उर्फ जॉनी ने कहा कि बाइपास मार्ग में जिस जमीन पर कूड़ा डंप किया जा रहा है वह बिहार सरकार की जमीन है। वह जमीन काफी गहरी है। जिसे कूड़ा से भर कर उसके ऊपर मिट्टी डाली जाएगी। इसके बाद वहां वाहन स्टैंड बनाने की योजना है। उन्होंने बताया कि नगर विकास विभाग के द्वारा जो जमीन के लिए निर्धारित दर तय है उसके अनुसार नगर में कहीं जमीन नहीं मिल रही है। इसके चलते कूड़ा डंप करने का कार्य बाइपास मार्ग में और सुवरन नदी के पास किया जा रहा है।