Kaimur, Kudra Panchayat Chunav: वोटरों ने विकास को बनाया मुद्दा, जाति, परिवारवाद से निकले
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को कुदरा प्रखंड में मतदान करने वाले मतदाताओं के लिए विकास सबसे बड़ा मुद्दा रहा। उनके फैसले को कई स्थानीय तत्वों ने भी प्रभावित किया वोट देते समय रक्त संबंध व जाति का भी ख्याल रखा गया।
संवाद सूत्र, कुदरा (कैमूर)। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को कुदरा प्रखंड में मतदान करने वाले मतदाताओं के लिए विकास सबसे बड़ा मुद्दा रहा। उनके फैसले को कई स्थानीय तत्वों ने भी प्रभावित किया, वोट देते समय रक्त संबंध व जाति का भी ख्याल रखा गया। मतदाताओं को प्रलोभन देकर भी वोट लेने की कोशिश हुई। लेकिन विकास का मुद्दा इन सब पर भारी पड़ा। अधिकांश मतदाताओं ने उन्हीं प्रत्याशियों को अपना मत देना मुनासिब समझा जिनसे उन्हें क्षेत्र के विकास और लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
सकरी गांव के 70 वर्षीय बुचुन सिंह मतदान के समय से पहले ही राम जानकी बालिका उच्च विद्यालय सकरी के मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए पहुंच गए थे। वे कहते हैं कि सड़क, गली व नाली ठीक से नहीं बनी, विकास नहीं हुआ, इसलिए उन्होंने वैसे प्रत्याशी को वोट दिया जो विकास को मंजिल तक पहुंचा सके। गुरुड़ा गांव के स्वर्गीय बृजभूषण सिंह की पत्नी पार्वती देवी का जन्म आजादी से पहले हुआ था। अब वे 75 साल की हो चुकी हैं। इसके बावजूद मतदान के लिए उनका जोश देखते बनता है। वे गांव के प्राथमिक विद्यालय स्थित मतदान केंद्र पर अपने इलाके के विकास के लिए वोट डालने पहुंचीं।
कदईं गांव के उपेंद्र प्रताप सिंह कहते हैं कि उन्होंने उसे वोट दिया जो विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ा, जिसने वोटरों को पैसे की लालच न दी। बसहीं के प्रमोद पांडेय कहते हैं कि गांव के चहूंमुखी विकास के लिए उन्होंने मतदान किया। देवसडीहरा गांव के युवक संजय यादव उन मुद्दों को लेकर मतदान करने की बात करते हैं जिनसे आम ग्रामीण खासकर युवा वर्ग को दो चार होना पड़ रहा है। वे कहते हैं कि सबसे पहले शिक्षा जरूरी है। शिक्षा है तो सब कुछ है। उसके बाद महंगाई चरम सीमा पार कर चुकी है, उसमें कमी आनी चाहिए। इसके साथ ही युवाओं को रोजगार चाहिए। इन्हीं मुद्दों को लेकर उन्होंने मतदान किया।