JEE, Advance Result 2021: गया में बुनकरों के 17 लाल ने जेईई में किया कमाल, जानिए इनकी सफलता का राज
इस वर्ष 17 छात्र-छात्रा जेईई एडवांस में उतीर्ण होकर पटवा टोली का नाम देश में रोशन किया है। पटवा टोली में 24 घंटे वस्त्रों की बुनाई से खटखट की आवाज होती रहती है। इसी बीच बड़ी संख्या में छात्र-छात्रा जेईई की परीक्षा में उतीर्ण होते हैं आखिर कैसे ?
मानपुर (गया), जागरण संवाददाता। मानपुर के उद्योग नगरी पटवाटोली के बुनकर विभिन्न तरह के वस्त्र बनाने में काफी माहिर हैं। वे काफी परिश्रम कर काफी सुंदर वस्त्र बनाते हैं। उनकी कला की प्रशंसा बिहार से लेकर बंगाल तक काफी होती। बुनकरों के लाल शिक्षा के क्षेत्र में काफी परिश्रमी हैं। वे इतना मेहनत करते कि प्रत्येक साल जेईई एडवांस में काफी संख्या में छात्र-छात्रा उतीर्ण होते हैं। इस वर्ष यानि 2021 मेें जारी परिणाम में 17 छात्र-छात्रा जेईई एडवांस में उतीर्ण होकर पटवा टोली का नाम देश में रोशन किया है। आज उनके स्वजनों के साथ पटवा टोली के तमाम बुनकर काफी प्रसन्न हैं।
उतीर्ण छात्रों के नाम - रैंक
आर्यन सोलंकी - 6246
आदित्य राज - 6521
अमित कुमार - 6964
राकेश कुमार - 7288
प्रतीक प्रांजल - 7383
प्रियम - 8710
आलोक कुमार - 8861
खुशबू गुप्ता - 8920
श्रुति कुमारी - 8975
महेश कुमार - 12342
शिवा कुमार - 12453
अनुषठा प्रकाश - 13079
अमित कुमार - 13777
शशि कुमार - 18787
शिल्पा कुमारी - 7601 , ओवीसी
धीरज कुमार - 26174
शुभम कुमार - 27856
ऐसे होते यहां के छात्र-छात्रा सफल
पटवा टोली में 24 घंटे खटखट की आवाज होती रहती है। इसी बीच छात्र-छात्रा शिक्षा ग्रहण कर जेईई की परीक्षा में काफी संख्या में उतीर्ण हो रहे हैं। आखिर कैसे ? समाज के लोगों के सहयोग से पटवा टोली में कई जगहों पर छात्र-छात्रा को पढऩे-लिखने के लिए एक भवन बनाया गया है। उसके अंदर बाहर की आवाज तनिक भी नहीं जाती। उसी भवन में छात्र-छात्रा सामूहिक अध्ययन करते हैं। जिसका मार्गदर्शन जेईई एडवांस में उर्तीण होने वाले छात्र-छात्राओं के द्वारा दिया जाता है। यही बजह है कि पटवा टोली के छात्र-छात्रा प्रत्येक साल काफी संख्या में जेईई एडवांस में उर्तीण होते हैं।
बुनकर दुखन पटवा का कहना है कि कितना परिश्रम कर वस्त्र बनाते हैं,बच्चे भली-भांति जानते हैं। यहीं करण वे काफी मेहनत और लगन के साथ पढ़ते हैं।उनके हौसले को हर समय बुलंद करते रहते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उन्हें तनिक भी कष्ट नहीं हो इसका ख्याल बुनकरों के द्वारा हर समय रखा जाता है। जिसके कारण प्रत्येक साल यहां के छात्र-छात्रा काफी संख्या में जेईई एडवांस में उतीर्ण होते हैं।