Women Empowerment: दहलीज लांघ गरीब महिलाओं को स्वरोजगार की राह दिखा रहीं गया की रिंकी
बाराचट्टी प्रखंड के पदुमचक गांव की रिंकी दांगी क्षेत्र की दो सौ महिलाओं का बनी हैं सहारा जीविका की प्रखंड मास्टर प्रशिक्षक पद संभालते हुए महिलाओं को अधिकारों के प्रति करतीं जागरूक। उन्हें बैंक से ऋण दिलवाने में मदद भी करती हैं।
अमित कुमार सिंह, बाराचट्टी (गया)। कल तक जो महिलाएं दो पैसे के लिए मोहताज थीं, आज वे दूसरों की मदद कर रही हैं। अपना स्वरोजगार स्थापित कर रही हैं। एकजुटता की शक्ति दिखा रोजगार की राह प्रशस्त कर रही हैं। यह सबकुछ हुआ है, जिले के बाराचट्टी प्रखंड के पदुमचक गांव की रिंकी दांगी की बदौलत। उन्होंने घर की दहलीज लांघी तो न केवल खुद के परिवार का सहारा बनीं, बल्कि दो सौ अन्य महिलाओं को भी रोजगार दिला दिया। आज उनके कार्य की चर्चा गांव-गांव होती है। वे रोज सुबह घर का काम निपटाकर प्रखंड क्षेत्र के किसी भी गांव में निकल जाती हैं और महिलाओं के अधिकार व कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा करती हैं। जो महिलाएं स्वरोजगार की इच्छा रखती हैं, उन्हें बैंक से ऋण दिलवाने में मदद भी करती हैं।
समूह में जमा हुए धन से महिलाओं को दी पूंजी
रिंकी बताती हैं कि हम लोगों ने गरीबी को काफी नजदीक से देखा है। यदि महिलाएं संगठित होकर कुछ करें तो बेकारी दूर हो सकती है। बस, इसी सोच के साथ ठान लिया कि गांव की महिलाओं को जागरूक करके गरीबी मिटाऊंगी। ससुराल आने के बाद महिला समूह के संगठन से जुड़ी। उसमें सभी महिलाओं ने रिंकी को कोषाध्यक्ष बना दिया। इसके बाद रिंकी ने खूब मेहनत की। फिर जमा हुए धन को समूह की अधिकांश महिलाओं को खेती के बढ़ावे के लिए पूंजी दी। इससे कृषि कार्य को बल मिला और पैदावार में बढ़ोतरी हुई।
स्वजनों को लगा था नागवार, होता था झगड़ा, अब सब दुरुस्त
वर्ष 2009 में जीविका के माध्यम से महिला समूह से जुड़ीं। कुछ दिन बाद रिंकी को पंद्रह महिला समूहों के ग्राम संगठन का कोषाध्यक्ष बना दिया गया। फिर जिम्मेवारी और बढ़ गई। अपने घर व गांव के बाद दूसरे गांवों में जाकर महिलाओं का कार्य देखना और उन्हें हर एक बिंदुओं की विस्तृृत जानकारी देना रहता था। स्वजनों को यह काम सही नहीं लगा। इसको लेकर घर में लड़ाई-झगड़ा होने लगा, लेकिन धीरे-धीरे अब सबकुछ ठीक हो गया है। स्वजन भी रिंकी की मेहनत पर एतबार करने लगे हैं। फिलहाल, रिंकी दांगी जीविका के शुरुआती ग्रामीण उद्यमिका योजना में प्रखंड कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन इंटरप्राइजेज प्रमोशन के पद पर रहकर महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩे की मुहिम में लगी हैं। बोधगया में हुए एक कार्यक्रम मे रिंकी दांगी को मास्टर प्रशिक्षक के लिए चयनित किया गया है। अब वह प्रखंड मुख्यालय में महिलाओं को जीविका के एसवीपी प्रोजेक्ट में रोजगार दिलाने के लिए प्रशिक्षण देंगी।