Invention: अब धुंए से मिलेगा निजात, इंटर पास औरंगाबाद के दो छात्रों ने तैयार की प्रदूषण रोधी यंत्र

प्रतिभा उम्र की मोहताज नही होती। इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी किए दो छात्र ने यह सिद्ध कर दिया है। छात्रों ने ऐसा आविष्कार किया है जिसने उसे खास बना दिया है। दोनो ने धुंआ से होने वाले प्रदूषण से निजात पाने का खोज किया है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Thu, 18 Feb 2021 10:28 AM (IST) Updated:Thu, 18 Feb 2021 10:28 AM (IST)
Invention: अब धुंए से मिलेगा निजात, इंटर पास औरंगाबाद के दो छात्रों ने तैयार की प्रदूषण रोधी यंत्र
प्रदूषण रोधी यंत्र के साथ औरंगाबाद के छात्र। जागरण।

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। प्रतिभा उम्र की मोहताज नही होती। इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी किए दो छात्र ने यह सिद्ध कर दिया है। छात्रों ने ऐसा आविष्कार किया है, जिसने उसे खास बना दिया है। दोनो ने धुंआ से होने वाले प्रदूषण से निजात पाने का खोज किया है। छोटे वैज्ञानिक ने एक प्रदूषण रोधी यंत्र तैयार कर लिया है। हसपुरा प्रखंड के छोटे से गांव महुआर के अमित कुमार जो डिप्लोमा के छात्र हैं साथ ही रवि शंकर, बीएससी के छात्र हैं। दोनो छात्रों ने अपने सहयोगी रवि कुमार के साथ आविष्कार का प्रजेंटेशन दिया तो सभी उसकी तारीफ किए बिना रह न सके।

अमित के  पिता चंद्रशेखर आज़ाद किसान हैं तो  रवि के पिता मृत्युंजय विश्कर्मा सिलाई मशीन बनाने का काम करते हैं। दोनो ने बताया कि उन्होंने ऐसा यंत्र तैयार किया है जिससे कोई भी मोटर या बाइक से निकलने वाला धुंआ तरल प्रदार्थ मे बदल जाएगा जो एक द्रव निकलेगा उस द्रव भी बाद में काम आ सकता है। दोनो ने बताया कि लोहार के यंहा जब गए थे तो वहां देखा कि जब लोहा गर्म हो रहा है तो तब आग से निकलने वाला धुंआ कम हो रहा है तभी दिमाग मे आया कि ऐसा प्रयोग वे साइलेंसर में भी कर सकते हैं।

यह है एक प्रदूषण रोधी यंत्र

यह एक प्रदूषण रोधी यंत्र है जो डीज़न पैट्रोल से चलने वाले इंजन के मुख्य निकास के जगह पर लगा होगा, जिससे धुंए  के जगह तरल प्रदार्थ के रूप में परिवर्तन हो जाएगा। इससे प्राप्त प्रदार्थ को रिसाइकल कर उसको पावर प्लांट या फेक्ट्री में उपयोग किया जा सकता है। यह मशीन बहुत ही सस्ता है मात्र 500 रुपये में इंस्टॉल कर सकते हैं। उनकी चाहत है कि सरकार के सहयोग से इस मशीन का औद्योगिकरण करे। इन दोनों ने कहा कि अगर आगे सहयोग मिला तो अपने बाकी के प्रोजेक्ट को भी ये बनाएंगे।

सरकार ले संज्ञान

दोनो ने बताया कि धुंए से होने वाले प्रदूषण से देश मे कई जाने चली जाती है, इस प्रोजेक्ट से प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। कहा इस प्रोजेक्ट में ऑक्सीजन व कार्बनडाइआक्साइड दोनो अलग अलग होकर धुंआ तरल प्रदार्थ में बन जाएगा। इनके पिता ने कहा कि अपने बेटों पर नाज़ है इच्छा है कि सरकार इस प्रोजेक्ट पर संज्ञान लेते हुए इन बच्चों को आगे बढ़ने में मदद करें।

सरकार का बचेगा पैसा

सरकार का लगभग 10.7 लाख करोड़ रुपए खर्च प्रदूषण पर आता है हर साल, इस पैसा से रक्षा क्षेत्र या अंतरिक्ष मिशन करने में लगाया जा सकता है।

मध्यम वर्ग है परिवार

दोनो छात्र मध्यम वर्ग से आते हैं एक के पिता किसान हैं तो दूसरे के पिता सिलाई मशीन बनाते हैं। बताया कि इनके पिता कभी भी पढ़ाई में कमी नही आना दिया। मेहनत कर अपने बच्चों को पढ़ाया और आगे भी पढ़ाई करने में पूरा सहयोग की बात कही है।

प्रदूषण मुक्त होगा वातावरण

इनका कहना है कि धुएं से होने वाले प्रदूषण से देश में दुनिया में लगभग 50 लाख लोग मर जाते हैं। ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी का तापमान बढ़ता है, जिससे ग्लेशियर तेजी से पिघलते हैं ।भारत में हर साल करीब 12.4 लाख से भी अधिक प्रदूषण के कारण मरते हैं ।सरकार का लगभग 10.7 करोड़ रुपया खर्च प्रदूषण पर आता है। यदि इस प्रोजेक्ट का इस्तेमाल किया जाए।तो इस पैसे को रक्षा क्षेत्र, या अंतरिक्ष मिशन में लगाया जा सकता है। प्रदूषण के कारण ग्लोबल वार्मिंग, मौसम में अनियमित परिवर्तन, अम्ल वर्षा, तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा, बाढ़-सुखाड़ समेत अन्य प्राकृतिक आपदायें हो रही है। प्रदूषण के कारण 40 प्रतिशत हृदय रोग, 40 प्रतिशत, 11 प्रतिशत दमा, 6 प्रतिशत लंग्स कैंसर, 3 प्रतिशत  बच्चों में श्वसन इन्फेक्शन जैसी बीमारियां उत्पन्न हो रही है ।

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