World Creativity Day: समाज में नवाचार बहुत जरूरी, इससे आएगी रचनात्मकता और बढ़ेगा ज्ञान
वर्ल्ड क्रिएटिविटी और इनोवेशन डे पर वेबिनार का आयोजन प्लस टू जिला स्कूल में किया गया। इसमें स्कूली बच्चों ने अपने प्रोजेक्ट के मॉडल प्रस्तुत किए। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में सामाजिक क्षेत्र में नवाचारी प्रयोगों को ज्यादा जरूरत है।
गया, जागरण संवाददाता। शहर के प्लस टू जिला स्कूल की ओर से वर्ल्ड क्रिएटिविटी और इनोवेशन डे (World Creativity and Innovation Day) के उपलक्ष्य में वेबिनार का आयोजन किया गया। में विभिन्न क्षेत्र के वक्ताओं ने अटल कम्युनिटी डे आवर विश्व नवाचार दिवस पर अपने-अपने विचार रखे। दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय ज्ञान संकायके डॉ. व्यंकटेश सिंह ने कहा कि नवाचारी प्रयोगों की आज सबसे अधिक आवश्यकता सामाजिक क्षेत्र में है। सामाजिक समस्याओं के निराकरण के लिए युवाओं के बीच आदर्श सामाजिक नवाचारी प्रयोगों के जानकारी साझा करना अत्यावश्यक है।
एकलव्य को देखकर ले सकते हैं प्रेरणा
गया कॉलेज के शिक्षा विभागाध्यक्ष डॉ. धनंजय धीरज ने कहा कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के लिए नवीन नवाचारी प्रयोगों का सिलसिला आदर्श भारतीय गुरुकुल में भी था। विद्यार्थियों को अभी प्रेरित करते हुए उन्होंने एकलव्य के नवाचारी प्रयोगों की चर्चा की। डॉ. धीरज ने कहा कि नवाचार के लिए कोई भी व्यक्ति विशेष या स्थान विशेष या परिस्थिति विशेष की आवश्यकता नहीं होती है। नवाचार मात्र नए विचारों का समावेश है। शिक्षक द्वारा नवाचारी प्रयोग आज भारतीय कक्षाओं को नया स्वरूप प्रदान कर सकते हैं। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के गुरु रहे शिव सुब्रमण्यम अय्यर ने कक्षा के सभी विद्यार्थियों को समुद्र तल पर ले जाकर उड़ती चिड़िया उसके उड़ने की प्रक्रिया को साझा किया। यह भी एक नवाचारी प्रयोग का ही उदाहरण था।
अपनी जीवनशैली में नवाचार का हो समावेश
डॉ. धीरज ने कहा कि आज परिस्थितियां बदली है और बदले हुए परिवेश के हिसाब से यह हमें नवाचार का समावेश अपनी जीवन शैली और स्थानीय समस्याओं के समाधान हेतु करना चाहिए। डिजिटल बॉक्स का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आज किताबों का आदान-प्रदान कितना सरल हो गया है दुनिया में कहीं भी पड़ी हुई। किसी पुस्तक को पढ़कर आप नवाचारी प्रयोगों को अपना सकते हैं। शिक्षा आयोजन कर सकते हैं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी आज नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आनंद कुमार ने कहा कि गया जिला नवाचारी प्रयोगों में अग्रणी है एवं जिले के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थी गया गाइडेंस प्रोग्राम के माध्यम से जुड़ कर घर बैठे ही मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं। साधन सेवी धनंजय पांडे ने कहा कि नवाचारी प्रयोगों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें खर्च नहीं होना चाहिए तो प्रत्येक नवाचार में युवाओं को इस बात का खासा ध्यान रखना चाहिए नवाचार हो परंतु नवाचार मे लागत कम हो इसका सदैव ध्यान रखें।
नवाचारी प्रयोगों को किया साझा
इस मौके पर जिले के विभिन्न विद्यार्थियों ने अपने द्वारा नवाचारी प्रयोगों को साझा किया। प्रेम सागर ने सोलर बाइक का मॉडल प्रस्तुत किया। बच्चों ने जल जीवन हरियाली विषय पर भी कई मॉडल प्रस्तुत किए जिससे कि बरसात के दिनों में जल संरक्षण कर उसे गर्मी के मौसम में प्रयोग के अनुकूल बनाया जा सके।श्रेया ने आवाग और स्टडी टेबल का मॉडल तथा प्रतीक्षा स्वागत के साथ सॉफ्ट रोबोटिक से ग्रिपर का मोडेल प्रस्तुत किए। इससे बरसात के दिनों में जल संरक्षण कर उसे गर्मी के मौसम में प्रयोग के अनुकूल बनाया जा सके मौके पर बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए नीति आयोग के प्रतिनिधित्व करते हुए।
माधुरी पाल ने कहा कि गया जिले के विद्यार्थियों द्वारा इन नवाचारी प्रयोगों कि मैं भूरी भूरी सराहना करती हूं एवं विद्यार्थियों से अनुरोध करती हूं कि अपने द्वारा बनाए गए। इस मॉडल को सर्वप्रथम पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किसी छोटी आबादी पर या किसी छोटे टारगेट ग्रुप पर प्रैक्टिस करें एवं इसके उपरांत किस का सामान्य करण किया जाएगा उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है।इन विद्यार्थियों पर जिन्होंने अपनी मेधा का प्रदर्शन करते हुए इतने सुंदर मॉडलों की प्रस्तुति दी है मैं भविष्य में हर नवाचारी प्रयोग के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन देती हूं सबों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम तथा माधुरी पाल द्वारा पूछे सभी प्रश्नों का जवाब समन्वयक डॉ. देवेंद्र सिंह ने दिया ।