बढ़ता कीमत घटता सब्सिडी ने उज्ज्वला के चूल्हे की लौ को किया मद्धिम, वैकल्पिक श्रोतों को अपना रहे लोग
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (उज्ज्वला योजना) के तहत रसोई गैस का कनेक्शन लिए नवादा जिले के लाभुक सिलेंडर की रीफिलिंग नहीं करा पा रहे हैं। रसोई गैस के सिलेंडर की कीमतों में रोज बढ़ोत्तरी हो रही। सब्सीडी भी कम मिल रहा है।
[वरुणेंद्र कुमार] नवादा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (उज्ज्वला योजना) के तहत रसोई गैस का कनेक्शन लिए नवादा जिले के लाभुक सिलेंडर की रीफिलिंग नहीं करा पा रहे हैं। रसोई गैस के सिलेंडर की कीमतों में रोज बढ़ोत्तरी हो रही। सब्सिडी भी कम मिल रहा है। ऐसे में चूल्हा जलना मुश्किल हो रहा है। अब वैकल्पिक इंधन की ओर फिर से लोग रूख करने लगे हैं। लाभुक हों या गैस एजेंसी के संचालक अथवा कंपनियों के सेल्स से जुड़े अधिकारी भी यह स्वीकारते हैं कि उज्ज्वला योजना के कनेक्शन का रीफिलिंग सामान्य से काफी कम है। हाल के कुछ महीनों में रीफिलिंग में और कमी दर्ज की गई है। वजह साफ है रसोई गैस की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि।
पांच माह में करीब 30 फीसद बढ़ा कीमत, सब्सीडी यथावत
पिछले पांच माह में रसोई गैस की कीमतों में मूल्य वृद्धि करीब 30 फीसद हुई। जबकि सब्सिडी यथावत रहा। जानकार बताते हैं कि अक्टूबर 2020 में रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 692 रुपये थी। सब्सीडी 79.26 रुपये था। आज फरवरी के आखिरी सप्ताह में रसोई गैस की कीमत 200 रुपये तक बढ़कर 892 रुपये हो गई है और सब्सीडी पूर्ववत 79.26 रुपये ही है। जबकि पूर्व में रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि होने पर उतनी राशि सब्सिडी के रूप में लाभुक के बैंक खाते में पहुंच जाती थी।
फरवरी में तीन बार बढ़ा कीमत
अमूमन रसोई गैस के सिलेंडर की कीमतों में कमी या बढ़ोतरी महीने के पहली तारीख को की जाती थी। लेकिन हाल के दिनों में इस व्यवस्था को तिलांजली दे दी गई। और महीने में दो से तीन बार तक की मूल्य वृद्धि की गई। चालू माह यानि फरवरी 2021 में तीन बार 04,14,और 24 फरवरी को 25-25 रुपये की वृद्धि की गई। जनवरी में दो बार मूल्य वृद्धि हुई थी।
कीमत बढऩे के साथ कम हो जाती है रीफिलिंग
नवादा में भारत गैस कंपनी के संचालक कौशलेंद्र कुमार कहते हैं कि मूल्य वृद्धि का असर सिर्फ उज्ज्वला के लाभुकों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि सामान्य उपभोक्ता भी इसकी जद में आए हैं। सामान्य उपभोक्ताओं की रीफिलिंग भी करीब 30 फीसद तक गिरी है। उज्ज्चला का आंकड़ा काफी ज्यादा है।
कहते हैं अधिकारी
हिंदुस्तान पेट्रेालियम के असिस्टेंट मैनेजर सेल्स उज्ज्वल प्रकाश कहते हैं कि औसतन एलपीजी का पर कैपिटल कंजपंशन 7-8 किलो माना जाता है। वहीं उज्ज्वला योजना का यही आंकड़ा गिरकर 5.2 किलो तक ठहर जाता है। लेकिन इधर के दिनों में ग्राफ और गिरा है। वैसे कुछेक को छोड़कर उज्ज्वला के तमाम कनेक्शन एक्टिव हैं। कोरोना काल में गैस सिलेंडर के लिए लाभुक को बैंक खाता के माध्यम से दिए गए राशि से ज्यादातर बंद कनेक्शन एक्टिव हो गया था। वहीं इंडेन गैस के अधिकारी प्रियरंजन इस बात को स्वीकार करते हैं कि उज्ज्वला योजना के कनेक्शन का रीफिलिंग की स्थिति ठीक नहीं है।
वैकल्पिक इंधन के श्रोतों को अपना रहे उपभोक्ता
रीफिलिंग कराने में असमर्थ हो रहे सामान्य अथवा उज्ज्वला के लाभुक वैकल्पिक श्रोतों को अपना रहे हैं। शहर के गरीब परिवारों को सिलेंडर रिफिल कराना मजबूरी है, लेकिन गांव देहात के लोग गोयठा, लकड़ी, पुआल, पेड़ों के पत्ते आदि पंरापरागत जलावन को अपना रहे हैं। कहीं-कहीं घरों में बिजली चालित इंडक्शन और हिटर का भी उपयोग कर ले रहे हैं।
आकंड़े एक नजर
नवादा में रसोई गैस के कुल उपभोक्ता- 356729
उज्ज्वला योजना के लाभुक-150791
समान्य उपभोक्ता- 205938
गैस एजेंसी
बीपीसीएल-16, एचपीसीएल-08,आइओसीएल-10, कुल-34
अक्टूबर 19 में सिलेंडर का कीमत- 692 रुपये
फरवरी में सिलेंडर का कीमत- 892 रुपये
सब्सिडी- 79 रुपये