पशुपालन विभाग में 38 की जगह मात्र 28 डॉक्टर, नवादा के पशुपालकों को नहीं मिल रही सुविधायें

पशुपालन विभाग में चिकित्सकों व कर्मचारियों की घोर कमी है। जिले भर के पशु अस्पताल चिकित्सकों व कर्मचारियों की कमी से अपने उद्देश्य को पूरा करने में विफल हो रहा है। हालांकि विभाग की ओर से पशुओं की इलाज व दवा की व्यवस्था की गई है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 04:57 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 04:57 PM (IST)
पशुपालन विभाग में 38 की जगह मात्र 28 डॉक्टर, नवादा के पशुपालकों को नहीं मिल रही सुविधायें
नवादा के पशुपालकों को नहीं मिल रही सुविधायें। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, नवादा। सरकार की ओर से पशुपालन विभाग की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। पशुपालकों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लाखोंं रूपये खर्च किए जा रहे हैं। बावजूद व्यवस्था में सुधार होने का नाम नहीं ले रहा है।

बता दें कि पशुपालन विभाग में चिकित्सकों व कर्मचारियों की घोर कमी है। जिले भर के पशु अस्पताल चिकित्सकों व कर्मचारियों की कमी से अपने उद्देश्य को पूरा करने में विफल हो रहा है। हालांकि, विभाग की ओर से पशुओं की इलाज व दवा की व्यवस्था की गई है। लेकिन, पशु अस्पतालों में चिकित्सकों व कर्मियों के अभाव में पशुपालकों को सुविधा नहीं मिल पा रहा है। पशुपालकों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। पशुओं के बीमार पडऩे पर किसानों व पशुपालकों को इलाज के लिए प्राइवेट क्लिनिक व चिकित्सक का सहारा लेना पड़ता है।

पशुपालकों के लिए व्यवस्था नहीं

विभाग द्वारा संचालित अस्पतालों में पशुओं के लिए कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था की गई है। विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा पशुपालकों को सुविधा मुहैया कराने का भी निर्देश भी दिया गया है। साथ ही प्रचार-प्रसार भी कराया गया। और पशुपालकों को विस्तार से जानकारी भी दी गई। लेकिन चिकित्सकों व कर्मियों के अभाव में पशुपालकों को शतप्रतिशत लाभ नहीं मिल पा रहा है। और मुफ्त दवा व इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।

अवैध तस्करी पर रोक नहीं

जिले में विभाग की ओर से पशुओं की अवैध तस्करी के रोकथाम के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। इसके कारण धंधेबाजों द्वारा पशुओं की तस्करी कर दूसरे राज्यों में भेजने का सिलसिला बेरोकटोक जारी है। बावजूद विभाग की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

चिकित्सक व कर्मचारियों की कमी

पशुपालन विभाग में चिकित्सकों व कर्मचारियों की काफी कमी है।कई अस्पतालों में चिकित्सक नहीं हैं। जिले में कुल 38 नए-पुराने अस्पताल हैं। जिसके विरुद्ध 28 चिकित्सक कार्यरत हैं। कई चिकित्सकों को दो अस्पताल का प्रभार सौंपा गया है। इसके कारण दो स्थानों पर पूरा समय नहीं दे पाते हैं। इसी प्रकार कर्मचारियों के 80 पद में मात्र 57 कार्यरत हैं। जबकि 23 पद रिक्त है।

कहते हैं अधिकारी

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि विभाग द्वारा पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा पशुओं के इलाज व दवा की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। विभागीय योजनाओं का शतप्रतिशत लाभ पशुपालकों को दिया जा रहा है। चिकित्सकों व कर्मचारियों की कमी के कारण कार्यों के निष्पादन में परेशानी होती है। विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है। इस समस्या का बहुत जल्द समाधान किया जाएगा।

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