सासाराम में जर्जर सड़कें व बिना स्लैब के नाले बने वार्ड की पहचान, मेन रोड पर जगह-जगह बन गए गड्ढे
बड़ी-बड़ी बिल्डिंगें मॉल होटल लॉज व अधिकारी अधिवक्ता और डॉक्टरों के आवास भले ही शहर के वार्ड संख्या 10 को वीआइपी मुहल्ले का तमगा देते हों पर वार्ड के अंदर की सड़कें व खुले नाले यहां के विकास का पोल खोल रहे है़ं।
जागरण संवाददाता, सासाराम। बड़ी-बड़ी बिल्डिंगें, मॉल, होटल, लॉज व अधिकारी, अधिवक्ता और डॉक्टरों के आवास भले ही शहर के वार्ड संख्या 10 को 'वीआइपी' मुहल्ले का तमगा देते हों, पर वार्ड के अंदर की सड़कें व खुले नाले यहां के विकास का पोल खोल रहे है़ं। सट्टादार गेट की सड़कें जर्जर हो टूट चुकी हैं। गिट्टियां उखड़ कर सड़कों पर पसरी हुई है़। पीसीसी में भी जगह-जगह गड्ढा हो गया हैं। सफाई की स्थिति अन्य मुहल्लों से बदतर हैं। कई कई दिन तक कचरा पड़ा रहता है़।
मुख्य सड़क पर जल जमाव के चलते लोग नालों पर चढ़कर चलने को बाध्य हैं। लेकिन उस पर भी स्लैब का नहीं होना, खतरे को आमंत्रण दे रहा है। लिहाजा आए दिन नालों में राहगी व बच्चों के गिरने की घटनाएं होती रहती है़। इसके अलावा नाले की सफाई भी नहीं करायी गई है, इससे नाले में पूरी तरह से कचरा जमा हो गया़ है। नतीजा बिना बारिश के भी नाली का पानी सड़क पर जमा रहता है।
वार्ड में ज्यादातर नौकरीपेशा व व्यवसायी वर्ग के लोग रहते है़ं। किराये के फ्लैट में रहने वाले छात्रों की संख्या भी वार्ड में काफी है़। ऐसे में लोगों को खासी परेशानी होती है़। मुख्य मार्ग को छोड़ दिया जाए तो वार्ड की सभी गलियां काफी सकरी है़ं। मुख्य नाला प्लास्टिक, कूड़ा-कचरा से नाला भरा हुआ है। लिहाजा दुर्गंध उठती रहती है़।
पार्षद रविंद्र गुप्ता ने कहा कि नालों पर स्लैब नहीं होने का मामला कई बार बोर्ड की बैठक में उठया जाएगा। मंजूरी मिलने पर नालों पर स्लैब लग जाएगा। मुख्य नालों की सफाई कराई जाएगी।