Sasaram: घर में सो रहे भाई-बहन को सांप ने काटा, बच्ची की हो गई मौत; युवक का चल रहा इलाज
Mishap in Sasaram सांप काटने पर पहले सर्पदंश वाले स्थान को नए ब्लेड से हल्का काट कर खून बाहर निकाल कर उसके ऊपर कपड़ा या प्लास्टिक की रस्सी से बांध देना चाहिए ताकि विष पूरे शरीर में नहीं फैल सके।
जागरण संवाददाता, सासाराम। अगरेर थाना क्षेत्र के बाराडीह गांव में सोमवार की देर रात घर में सो रहे भाई-बहन को जहरीले सांप ने काट लिया। मंगलवार को परिवार के सदस्यों ने दोनों को इलाज के लिए सदर अस्पताल सासाराम में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान 11 वर्षीय पिंकी की मौत हो गई। वहीं 18 वर्षीय जावेद का इलाज चल रहा है। जावेद की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है।
घटना के बारे में पिंकी के पिता मोहम्मद अजमल हुसैन ने बताया कि रात में खाना खाने के बाद घर के बाहर वाले कमरे में भाई बहन सोए हुए थे। मंगलवार की सुबह लगभग 4 बजे चीखने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुन कर जब हम लोग कमरे में पहुंचे तो देखा कि दोनों को सांप डंस कर बिल के अंदर घुस रहा है। दोनों को फौरन सदर अस्पताल के ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए भर्ती कराया गया।
इलाज शुरु होने के कुछ ही देर बाद पिंकी मौत हो गई, जबकि बेटा जावेद का इलाज चल रहा है। उसकी स्थिति भी अभी गंभीर बनी हुई है। चिकित्सकों की मानें तो सर्पदंश की घटना में तत्काल इलाज शुरू होने पर ही जान बचाई जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले लोग झाड़-फूंक कराते हैं उसके बाद अस्पताल पहुंचते हैं। तबतक विष पूरे शरीर में फैल चुका होता है।
चिकित्सकों का कहना है कि सांप काटने पर पहले सर्पदंश वाले स्थान को नए ब्लेड से हल्का काट कर खून बाहर निकाल कर उसके ऊपर कपड़ा या प्लास्टिक की रस्सी से बांध देना चाहिए ताकि विष पूरे शरीर में नहीं फैल सके। सिविल सर्जन डा. सुधीर कुमार ने कहा कि बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में सर्प दंश की घटनाओं में अक्सर वृद्धि हो जाती है।
गांव के लोग झांड-फूंक के चक्कर में विलंब कर देते है, जिसके कारण भी जान भी चली जाती है। जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में सांप काटने पर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है। बाराडीह के ग्रामीणों ने इस घटना ने बताया कि जैसे ही गांव में पिंकी की मौत की खबर मिली उसके व पास पड़ोस के परिजनों के बीच मातम पसर गया।