Kaimur: पौधों की सुरक्षा के लिए लगाए गए गैबियन का ईंट उखाड़ कर ले गए लोग, बर्बाद हो गए कई पौधे

इस सड़क पर एक करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई। सड़क निर्माण के बाद पर्यावरण के दृष्टिकोण से सरकार के गाइडलाइन के अनुसार पेड़ भी लगाना था। सड़क निर्माण कार्य कराने वाली एजेंसी द्वारा बनी सड़क के दोनों किनारे एक सौ से अधिक शीशम के पेड़ लगाए गए।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 03:54 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 03:54 PM (IST)
Kaimur: पौधों की सुरक्षा के लिए लगाए गए गैबियन का ईंट उखाड़ कर ले गए लोग, बर्बाद हो गए कई पौधे
गैबियन की ईंट उठाकर ले गए लोग। जागरण आर्काइव।

संवाद सूत्र, रामगढ़ (भभुआ)। मोहनियां बक्सर स्टेट हाइवे से पनसेरवां गांव को गुजरने वाली सड़क के किनारे लगे पौधे के गैबियन का ईंट उखाड़कर लोग ले गए। कुछ जगह के बचे हिस्से को भी मवेशियों द्वारा नष्ट करा दिया गया। एमजीएसवाई योजना के तहत मुख्य सड़क से पनसेरवां गांव को जाने वाली सड़क का निर्माण पिछले ही वर्ष हुआ था। आरइओ विभाग के इंजीनियरों की देखरेख में इस सड़क का निर्माण हुआ।

तकरीबन एक किलोमीटर की लंबाई वाली इस सड़क पर एक करोड़ से अधिक की राशि खर्च हुई। सड़क निर्माण के बाद पर्यावरण के दृष्टिकोण से सरकार के गाइडलाइन के अनुसार पेड़ भी लगाना था। सड़क निर्माण कार्य कराने वाली एजेंसी द्वारा बनी सड़क के दोनों किनारे एक सौ से अधिक शीशम के पेड़ लगाए गए। पौधों की सुरक्षा के लिए ईंट का गैबियन बनाया गया। संवेदक ने मजबूती के हिसाब से एक नंबर ईंट का प्रयोग इस गैबियन के निर्माण में किया। गैबियन में लगे अभी पेड़ ठीक से लग ही नहीं पाए थे कि कुछ लोगों द्वारा गैबियन को उजाड़ उसके ईंट को अपने निजी प्रयोग में ले जाया जाने लगा। कई पौधे भी हो गये बर्बाद, 50 हजार से अधिक का हुआ नुकसान एमजीएसवाई के तहत बनी सड़क के दोनों किनारे ईंट का गैबियन बना लगाया गया था पेड़

धीरे-धीरे सभी गैबियन के ईंट पर लोगों की नजर पड़ गई। ईंट तो लोग ले ही गए पौधे भी नष्ट हो गए। पेड़ लगाने के बाद किसी ने इस दिशा में कोई कदम भी नहीं उठाया। भगवान भरोसे छोड़कर संवेदक चले गए। इधर, गांव के लोग सरकारी संपत्ति को अपनी संपत्ति समझ सुरक्षा करने की बजाय इसके ईंट को उखाड़कर ले गए। ऐसी घटनाएं अक्‍सर ट्रेनों में देखने को मिलती रही हैं। लोग पंखे, बॉल आदि उखाड़ कर ले जाते थे। रेलवे ने सख्‍ती की तो वारदातों में कमी आई है। 

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