रिटायर्ड रेलकर्मी भुगत रहा विभागीय गड़बड़ी का खामियाजा; गुहार पर भी नहीं मिल रहा न्याय, जानें पूरा मामला
राष्ट्रपति रेल मंत्री पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक हाजीपुर डीडीयू मंडल रेल प्रबंधक समेत अन्य अधिकारियों व नेताओं आदि को आवेदन देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। अगर जल्द ही उनकी गुहार नहीं सुनी गई तो गया जंक्शन परिसर में 15 अगस्त से 72 घंटे की सपरिवार भूख हड़ताल करेंगे।
जागरण संवाददाता, गया। रेलवे की गड़बड़ी का खामियाजा एक रिटायर्ड कर्मचारी को भुगतना पड़ रहा है। शंट मैन के पद पर कार्यरत रहे वजीरउद्दीन ने बताया कि 31 जनवरी 2014 में रिटायर होने के बाद जितनी राशि मिलनी चाहिए, उतनी नहीं मिली। उन्होंने बताया कि वह गया में वर्ष 2000 तक गया में कार्यरत थे। इस दैरान वह मार्शलिंग यार्ड स्थित क्वार्टर नंबर 224-डी में रहते थे।
इसके बाद उनका ट्रांसफर मुगलसराय के चंदौली हो गया। उन्होंने उसी समय गया स्टेशन अधीक्षक को लिखित आवेदन देकर क्वार्टर खाली करने की सूचना दे दी थी, लेकिन उसका रिसीविंग नहीं लिया था। इसके बाद भी कई बार आवेदन दिया। फिर, उन्होंने वर्ष 2003 में गया स्टेशन अधीक्षक को क्वार्टर खाली करने के बारे लिखित आवेदन देकर सूचित किया। इसकी रिसीविंग पर्ची उनके पास है।
इसके बावजूद वर्ष 2013 तक उनका हाउस रेंट और बिजली रेंट काट लिया गया। इतना ही नहीं, उनसे डैमेज रेंट भी काटा गया। रेल सूत्रों के अनुसार, इस मामले में रिटायर्ड रेलकर्मी के द्वारा रेलवे ट्रिमनल कोर्ट में रेलवे के खिलाफ केस किया। कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में नहीं आने पर बेकाबू हो गए है।
राष्ट्रपति व रेल मंत्री तक कर चुके पत्राचार
वजीरउद्दीन ने बताया कि इस बात को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति, रेल मंत्री, पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक हाजीपुर, डीडीयू मंडल रेल प्रबंधक समेत अन्य अधिकारियों व नेताओं आदि को आवेदन देकर इंसाफ की गुहार लगाई है। अगर जल्द ही उनकी गुहार नहीं सुनी गई तो गया जंक्शन परिसर में 15 अगस्त से 72 घंटे की सपरिवार भूख हड़ताल करेंगे।