गया में 40 लाख का पैकेज छोड़कर, आईआईटियन, कंप्यूटर इंजीनियर सहित पांच मुनि दीक्षार्थी बन रहे जैन मुनि

दिल्ली के रहने वाले अविरल भैया बेंगलुरु में कंप्यूटर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। 4 साल तक जॉब करने वे अपने 40 लाख का पैकेज छोड़कर जैन मुनि बनने जा रहे हैं। आईआईटियन 28 वर्षीय अविरल भैया तप त्याग और संयम की साधना करते हुए जैन मुनि बनेंगे।

By Prashant Kumar PandeyEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:03 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:03 PM (IST)
गया में 40 लाख का पैकेज छोड़कर, आईआईटियन, कंप्यूटर इंजीनियर सहित पांच मुनि दीक्षार्थी बन रहे जैन मुनि
गया में पांच मुनि दीक्षार्थियों का बिनौली एवं गोद भराई समारोह

 जागरण संवाददाता, गयाः ब्रह्मचर्य का पालन कर जैनेश्वरी दीक्षा के लिए बैराग्य के पथ पर जा रहे आर्यावर्त की इस पावन भूमि में जन्मे पांच भाइयों की दीक्षा से 14 दिनों पूर्व शहर के रमना रोड स्थित जिनालय में सकल दिगंबर जैन समाज की ओर से बिनौली सह गोद भराई समारोह का आयोजन किया गया। जैन समाज के पुरुषों एवं महिलाओं ने बड़े ही भावुकता के साथ नम आंखों से पांच मुनि दीक्षार्थियों की बिनौली यात्रा में शामिल होकर गोद भराई की रस्म अदायगी की। विगत कई वर्षों से ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के 19 वर्षीय ब्रह्मचारी स्वागतम भैया, मध्य प्रदेश के पन्ना जिले से बृजेश भैया, भोपाल के संजय भैया, भिंड जिले के अंकुश भैया और दिल्ली के रहने वाले कंप्यूटर इंजीनियर अविरल भैया आगामी 14 नवंबर को महातीर्थ सम्मेद शिखरजी में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी से ज्ञानेश्वरी दीक्षा प्राप्त कर अपने जीवन को मुख्य मार्ग की ओर लगाएंगे। इनके मुनि दीक्षा होने के बाद आचार्य श्री द्वारा इन्हें नया नाम दिया जाएगा। इसके बाद वे घर, परिवार और सांसारिक मोह माया के बंधन से मुक्त होकर आचार्य श्री के चरणो में रहेंगे।

सम्मेद शिखर जाने के दौरान रविवार को पांच भाइयों का जत्था गया पहुंचा। जहां जैन समाज के लोगों ने पूरे श्रद्धा भाव से बग्धी में विराजमान कराकर बैंड बाजा और दिव्य घोष की धुन पर जैन मंदिर से शहर में बिनौली यात्रा निकाली,जो विभिन्न मार्गो से होते हुए पुनः जैन मंदिर पहुंची। जैन धर्मावलंबियों ने अपने पारंपरिक वेशभूषा में सुसज्जित होकर  पांच भाइयों के बिनौली यात्रा में सम्मिलित होकर जयकारे लगाये। जिनालय में सभी पांच भाइयों की गोद भराई की रस्म अदायगी शुरू हुई। बड़ी संख्या में जैन समाज के लोगों के द्वारा आत्मीयता के साथ सूखे मेवे और श्रीफल भेंट कर गोद भराई की गई।

कई श्रद्धालुओं ने ध्यानमग्न होकर अपने आराध्य देव के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। विधान के दौरान पूरा मंदिर प्रांगण जैन मंत्रोच्चारण से गुंजायमान हो रहा था। इस दौरान पांच भाइयों ने समाज के लोगों को आशीर्वाद दिया। 

कंप्यूटर इंजीनियर 40 लाख का पैकेज छोड़कर, आईआईटियन बन रहे जैन मुनि

कार्यक्रम के संचालक ब्रह्मचारी पीयूष भैया ने बताया कि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के संधस्थ उच्च शिक्षित और संपन्न परिवार से हैं। दिल्ली के रहने वाले अविरल भैया बेंगलुरु में कंप्यूटर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। 4 साल तक जॉब करने ने के बाद वे अपने 40 लाख का पैकेज छोड़कर जैन मुनि बनने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में आज का युवा सुख-सुविधाओं के पीछे दौड़ते हुए ऊंचे पैकेज और उच्च जीवन शैली के सपने संजोये रहता है। ऐसे में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के आध्यात्मिक और वात्सल्य से प्रभावित होकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले आईआईटियन 28 वर्षीय अविरल भैया तप, त्याग और संयम की साधना करते हुए जैन मुनि बनेंगे। अविरल भैया के पिता प्रोफेसर पवन जैन दिल्ली के बड़े कॉलेज में कार्यरत हैं और माता अलका जैन गृहिणी है। इनके दो छोटे भाई भी उच्च पद पर कार्यरत हैं।

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