Gaya: धान की उन्नत खेती के लिए 38 हजार 625 एमटी यूरिया की जरूरत, अभी उपलब्ध है 19875.410 एमटी

खेतीबारी का प्रमुख सीजन खरीफ इन दिनों परवान पर है। किसान भाई धान का बिचड़ा गिराने से लेकर रोपनी में व्यस्त हैं। जिले में इस साल 1.51 लाख हेक्टेयर में धान की खेती की जानी है। जिसके लिए निर्धारित 15.100 हेक्टेयर में बिचड़ा लगाने का लक्ष्य हासिल किया है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 03:27 PM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 03:27 PM (IST)
Gaya: धान की उन्नत खेती के लिए 38 हजार 625 एमटी यूरिया की जरूरत, अभी उपलब्ध है 19875.410 एमटी
गया में धान की रोपाई करतीं महिलाएं। जागरण आर्काइव।

जागरण संवाददाता, गया। खेतीबारी का प्रमुख सीजन खरीफ इन दिनों परवान पर है। किसान भाई धान का बिचड़ा गिराने से लेकर रोपनी में व्यस्त हैं। जिले में इस साल 1.51 लाख हेक्टेयर में धान की खेती की जानी है। जिसके लिए निर्धारित 15 हजार 100 हेक्टेयर में बिचड़ा लगाने का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।

धान की रोपनी के साथ ही खाद की जरूरत होगी। धान की रोपनी करने के 20 से 25 दिनों के अंतराल पर यूरिया की पहली खेप की जरूरत होती है। गया जिले को इस सीजन में58 हजार 201 मिट्रीक टन उर्वरक की जरूरत है। इसमें सर्वाधिक 38 हजार 625 मिट्रीक टन अकेले यूरिया खाद की जरूरत है। धान के पौधों की वानस्पतिक विकास के लिए समय से यूरिया की उपलब्धता जरूरी होती है। वर्तमान समय में जिले में 19875.410 मिट्रीक टन यूरिया उपलब्ध है। वहीं 5341.962 मिट्रीक टन डीएपी उपलब्ध है।

पॉश मशीन में उपलब्धता के अनुसार ही खाद की बिक्री करें दुकानदार: डीएओ

जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो ने कहा कि जिले में अभी खाद की मांग नहीं है। जब धान की रोपनी पूरी हो जाएगी उसके 20 दिनों बाद खाद खासकर यूरिया की जरूरत होगी। उन्होंने सभी खाद दुकानदारों से कहा कि पॉश मशीन के सहारे ही खाद की बिक्री करें। पॉश मशीन में जितनी मात्रा में खाद उपलब्ध है उतना ही भंडार में भी रहना चाहिए। किसान आधार कार्ड के जरिए पॉश मशीन से खाद खरीद सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि हरेक खाद दुकान का भौतिक सत्यापन के लिए जांच टीम बना दी गई है।

इस साल खरीफ में उर्वरक की आवश्यकता व वर्तमान में उपलब्धता (मात्रा मीट्रिक टन में)

उर्वरक-जरूरत-उपलब्धता

यूरिया-38685-19875.410 डीएपी-11138-5341.962 एनपीके-7468-672.600 एमओपी-2501-501.120 एसएसपी-3500-2740.650 एपीएस- 1360.700

जिले में कुल उर्वरक की जरूरत- वर्तमान में उपलब्धता

58210 मिट्रीक टन 30492.442 मिट्रीक टन

जिले में इस साल धान की खेती का लक्ष्य- 1.51 लाख हेक्टेयर

अब तक हुआ धान का आच्छादन-346 हेक्टेयर (0.23 प्रतिशत)

बिचड़ा आच्छादन का लक्ष्य- 15100 हेक्टेयर

अब तक बिचड़ा लगाया गया- 15100 हेक्टेयर (100 प्रतिशत)

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