भगवानपुर में सीएचसी के प्रभारी डॉक्टर और प्रधान लिपिक का झगड़ा पहुंचा थाना, मारपीट का आरोप
कार्य में लापरवाही बरतने के मामले में 12 अक्टूबर को प्रधान लिपिक से स्पष्टीकरण मांगा गया था। समय पर स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने उसे अपने चेंबर में बुलाया। दोनों के बीच बकझक हुई। इसके बाद सीएचसी प्रभारी पर मारपीट का आरोप लगाया।
भगवानपुर (कैमूर), संवाद सूत्र। भगवानपुर प्रखंड में स्थित बाबू शिव गोविंद प्रसाद मेमोरियल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुमित सिंह ने बीते रविवार को प्रधान लिपिक की स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर पिटाई कर दी। यह मामला संज्ञान में आने पर सीएस डॉ. मीना कुमारी भी सोमवार को जांच के लिए पहुंची।
बता दें कि कार्य में लापरवाही बरतने के मामले में बीते 12 अक्टूबर को प्रधान लिपिक से स्पष्टीकरण मांगा गया था। समय पर स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बीते रविवार को अपने चेंबर में बुलाया। दोनों के बीच बकझक हुई। इसके बाद सीएचसी प्रभारी ने प्रधान लिपिक की पिटाई कर दी। जब लिपिक बाहर निकले तो हल्ला किया। तब स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मियों को घटना की जानकारी हुई। प्रधान लिपिक देव भूषण लाल ने घटना की लिखित जानकारी भगवानपुर थाने को दी।
उन्होंने बताया कि चिकित्सा पदाधिकारी को सभी कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगने की आदत हो गई है। लिपिक ने यह भी कहा कि मैं लगातार चार साल से सीएचसी में कार्यरत हूं। मेरी किसी तरह की कोई शिकायत नहीं है। उसके बाद भी पदाधिकारी मुझसे गलत काम करवाने के लिए बार-बार दबाव देते हैं। गलत काम नहीं करने पर उनके द्वारा झूठा आरोप लगाकर स्पष्टीकरण मांगा गया था। वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुमित कुमार सिंह ने कहा कि लिपिक मेरी छवि को खराब करने के लिए व मांगे गए स्पष्टीकरण से बचने के लिए मारपीट का आरोप लगा रहे हैं।
वहीं इस संबंध में प्रशिक्षु डीएसपी सह भगवानपुर थानाध्यक्ष मुशीर आलम ने बताया कि प्रधान लिपिक के द्वारा चिकित्सा पदाधिकारी के ऊपर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए आवेदन थाना में दिया गया है। लेकिन जांच के बाद ही प्रभारी पर कोई कार्रवाई की जाएगी। उधर सीएस ने जांच के संबंध में बताया कि अभी मुझे कोई आवेदन नहीं मिला है। जानकारी होने पर जांच के लिए आई हूं। लिपिक चुनाव कार्य के लिए कहीं गए हैं। इसके चलते उनके पक्ष की जानकारी नहीं मिल सकी। चिकित्सा पदाधिकारी से पूछताछ कर ली गई है। दोनों से पूछताछ के बाद ही कोई कोई निर्णय लिया जाएगा।