जमीन के अनुकूल बीज लगाने से होगी धान की उन्‍नत उपज, जानिए गया के लिए कौन प्रभेद उपयुक्‍त

गया की भूमि में धान की कौन सी फसल बेहतर उपज देगी यह बीज की पहचान और उन्‍हें समय से बोने पर निर्भर करती है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों ने बताया है कि कौन सी बीज गया क्षेत्र के लिए उपयुक्‍त होगी।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 09:27 AM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 09:27 AM (IST)
जमीन के अनुकूल बीज लगाने से होगी धान की उन्‍नत उपज, जानिए गया के लिए कौन प्रभेद उपयुक्‍त
धान की उन्‍नत बीज का चयन जरूरी। प्रतीकात्‍मक फोटो

मानपुर (गया),जागरण संवाददाता। गया जिले में कई तरह की जमीन है। कहीं पानी अधिक है तो कहीं कम । ऐसी स्थिति‍ में बिचड़ा लगाने के लिए धान के उपयुक्त प्रभेद (Suitable Verities of Paddy) का चयन किसानों को करना होगा। अगर वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन से बीज का चयन कर रोपाई की जाय तो धान की उपज काफी बेहतर होगी। यहां हम आपको बता रहे हैं। इन बीजों को लगाने पर आपको फायदा हो सकता है। कृषि वैज्ञानिकों ने क्‍या सलाह दी है जानिए: 

ये हैं गया की भूमि के अनुकूल प्रभेद 

सहभागी: इस बीज में सूखा सहन करने की क्षमता है। यानि धान लगे खेत में कई दिन तक पानी नहीं रहेगा फिर भी उपज में अंतर नहीं होगा। यह शीघ्र पकने वाला धान है। इसका 25 जून से 10 जुलाई तक बोआई का समय है। एक हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई करने के लिए 20 किलो बीज की जरूरत होती है। यह धान 115 से 120 दिन में तैयार हो जाएगा। इसकी उपज 35 से 40 क्विंटल होती है। इसका दाना लंबा एवं पतला होता है।

शुष्क सम्राट: यह धान शीघ्र पकने वाली है। इसमें भी सूखा सहन करने की क्षमता होती है। 15 जून से 10 जुलाई तक बोआई का समय है। एक हेक्टेयर में धान की रोपाई करने के लिए 20 किलोग्राम बीज लगाना होगा। इसकी उपज 35 से 40क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगी। इसका दाना लंबा एवं पतला होता है।

सबौर दीप के चावल की बात ही निराली 

यह धान कम दिन में तैयार हो जाता है। कम पानी के बाद भी उपज में अंतर नहीं होता है। एक हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई करने के लिए 20 किलोग्राम धान का बीचड़ा लगाना होगा। 25 जून से 10 जुलाई तक बोआई का समय है। यह धान 110 से 115 दिन में तैयार हो जाता है। इसकी उपज 40 से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। इसका दाना लंबा एवं पतला होता है। यह धान पुलाव, बिरयानी एवं चूड़ा के लिए काफी बेहतर होता है।

राजेंद्र श्‍वेता: मध्यम अवधि में पकने वाला धान है। एक हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई करने के लिए 20 किलोग्राम बीज लगाना होगा। 10 से 25 जून तक बीज की बोआई करनी होगी। यह धान 135 से 140 दिन में तैयार होता है। इसकी उपज 40से 45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है। यह बौने किस्म का धान है।

बी पी टी 5204: मध्यम अवधि वाला धान है। एक हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई करने के लिए 20 किलोग्राम बीज की जरूरत होती है।  10 से 25 जून तक बोआई का समय है। यह धान 135 से 140 दिन में तैयार हो जाएगा। इसकी उपज 45से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगा।  

सबौर अर्धजल: मध्यम अवधि में तैयार होने वाला धान है। कम बारिश के बाद भी इसकी उपज बेहतर होगी। एक हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई करने के लिए 20 किलोग्राम बीज चाहिए 10 से 25 जून तक बोआई  का समय है। यह धान 120 से 125 दिन में तैयार हो जाएगा। इसकी उपज 50 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगी। 

स्वर्णा सब-1:  देर से तैयार होने वाला धान है। कम बारिश के बाद भी अच्छी पैदावार होती है। इसमें जलमग्न प्रतिरोधी क्षमता है। एक हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई करने के लिए 20 किलोग्राम बीज लगाना होगा। इसकी बोआई 25 मई से 10 जून तक कर दें। यह धान 155 से 160 दिन में तैयार हो जाएगा। इसकी उपज 40 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। 

राजेन्द्र मंंसूरी -1:  यह धान देर से तैयार होती है। कम बार‍िश केे बाद भी इसकी उपज बेहतर जाती है। एक हेक्टेयर भूमि में के लिए 20 किलोग्राम बीज बोना होगा। इसकी बोआइ का समय 25 मई से 10 जून तक होता है। यह धान 155 से 160 दिन में तैयार हो जाता है। इसकी उपज 55 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होगी। यह बौना किस्म की धान होती है।

चयन और समय पर रोपनी जरूरी 

कृषि विज्ञान केन्द्र मानपुर के वैज्ञानिक डाॅ. अशोक कुमार एवं देवेन्द्र मंडल का कहना है कि बेहतर उपज के लिए धान के उपयुक्त प्रभेद का चयन किसानों को करना होगा। समय पर बोआई और रोपनी करने से उपज बेहतर होगी। जरुरत के अनुसार कृषि वैज्ञानिकों से संंपर्क करें। ताकि धान उपजाने में किसी तरह की समस्या आए तो समाधान किया जा सके।

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