गया में नहीं रुक रहा बालू का अवैध उत्खनन, रात के बदले अब भोर में उठ रहा बालू

जिले में बालू की बंदोबस्ती 31 दिसंबर को समाप्त हो गई। लेकिन अवैध उत्खनन जारी है। बालू माफिया की चांदी कट रही है। मनोबल इतना बढ़ गया है कि भोर के उजाले में भी अवैध उत्‍खनन जारी है। बड़ा सवाल यह है कि पुलिस का भनक क्‍यों नहीं लग रही

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 09:17 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 01:09 PM (IST)
गया में नहीं रुक रहा बालू का अवैध उत्खनन, रात के बदले अब भोर में उठ रहा बालू
बालू माफिया का मनोबल बढ़ा हुआ है, सांकेतिक तस्‍वीर।

गया, जागरण संवाददाता। सरकार द्वारा नदियों से बालू उठाव पर प्रतिबंध लगा है। इसके बावजूद भी नदियों से अवैध तरीके से बालू का उठाव जारी है। अब रात के अंधेरे के अपेक्षा सुबह (भोर) में बालू का उठाव जारी है। शहर में ट्रैक्टर से बालू की ढुलाई हो रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अवैध उत्खनन की भनक पुलिस-प्रशासन को क्यों नहीं मिल रही है। इसके कारण इस कार्य में लगे माफिया को मनोबल और बढ़ रहा है। रात के अंधेरे के साथ-साथ दिन के उजाले में भी बालू का उठाव और ढुलाई जारी है। ट्रैक्टर एवं गदहे से बालू का उठाव कर ढुलाई किया जा रहा है। जिसे बालू माफिया अपने मन के हिसाब से कीमत तय कर बेचते है।

अवैध उत्खनन जिले में छह महीने से जारी है। जिसके कारण सरकार के प्रत्येक दिन लाखों रुपये का चूना लग रहा है। जिले में बालू की बंदोबस्ती 31 दिसंबर को ही समाप्त हो गई थी। उसके बाद बालू का बंदोबस्ती नहीं हुई। लेकिन अवैध उत्खनन जारी है। जिसके कारण बालू माफिया की चांदी कट रही है।

शहर में जगह-जगह बालू का ढेर

बालू की बदोबस्ती सूबे में सिर्फ दो जिला बांका और अरवल में है। दो जिले को छोड़कर सभी जिला में बालू का उठाव बंद है। ऐसे में शहर में  जगह-जगह पर  बालू का ढेर कहां से लगा हुआ है?   प्रश्न उठता है?  कि जब बालू का उठाव बंद है।   तो जगह-जगह पर बालू का ढेर कहां से लगा है। सबसे बड़ी बाते है कि सरकारी काम कैसे हो रहा है। अगर काम चल रहा है तो अवैध बालू का इस्तेमाल किया जा रहा है। क्योंकि नदी के साथ-साथ स्टाक से भी बालू का उठाव पर प्रतिबंध लगा है।

कौन-कौन प्रखंड में बालू घाट

जिले में कुल 92 बालू घाट था। जिसका बंदोबस्ती पांच वर्षो के लिए 2015 में किया गया था। घाटो का बंदोबस्ती वेस्टङ्क्षलग ट्रेङ्क्षडग प्राइवेट लिमिटेड का नाम था। लेकिन बंदोबस्ती 31 दिसंबर को समाप्त हो गया है। जिले में मानपुर, बोधगया, चंदौती, बेलागंज, शेरघाटी, आमस, टिकारी, परैया, गुरुआ, मोहड़ा डोभी, मोहनपुर, इमामगंज, खिजरसराय, बांकेबाजार, गुरारू, नीमचक बथानी, डुमरिया, कोंच, एवं वजीरगंज प्रखंड क्षेत्र में बालू घाट था।

जिला खनिज पदाधिकारी  विकास कुमार पासवान का कहना है कि जिले में अवैध उत्खनन के विरुद्ध अभियान जारी रहेगा। हर हाल में रोक लगाने का काम किया जाएगा। अभियान के तहत ही बेलागंज थाना क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई की गई।

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