Good News: राशन कार्ड है तो यहां मुफ्त होगी डायलिसिस, अन्‍य मरीजों के लिए इतना है शुल्‍क

कैमूर सदर अस्‍पताल में डायलिसिस की सेवा शुरू हो गई है। यह क्षेत्र के लोगों के साथ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए अच्‍छी खबर है। यहां राशन कार्ड धारियों को मुफ्त में यह सुविधा मिल पाएगी।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 01:39 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 01:39 PM (IST)
Good News: राशन कार्ड है तो यहां मुफ्त होगी डायलिसिस, अन्‍य मरीजों के लिए इतना है शुल्‍क
सदर अस्‍पताल में डायलिसिस केंद्र का उद्घाटन करते डीएम। जागरण

जासं, भभुआ (कैमूर)। सरकार व विभाग के समन्वय से सोमवार को जिले की स्वास्थ्य सेवा में एक और महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ गई। किडनी रोग जैसी गंभीर बीमारी के इलाज का मार्ग प्रशस्त हो गया। सदर अस्पताल के द्वितीय तल पर स्थित डायलिसिस केंद्र (Dialysis Center) का जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला ने उद्घाटन किया। उन्होंने इस सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग की सराहना की। साथ ही यह भी कहा कि यह सेवा जिले के गरीब गंभीर रोगियों के लिए वरदान साबित होगी। क्योंकि राशन कार्डधारी रोगी के लिए यह सेवा निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।

आम लोग भी शुल्‍क देकर करा सकेंगे डायलिसिस

डीएम ने बताया कि आम किडनी रोगी भी यहां डायलसिसि करा सकेंगे। उन्‍हें इसके लिए 1745 रुपये देने होंगे। इस सेवा के उपलब्ध हो जाने से अब कैमूर के किडनी रोगियों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़़ेगी। उन्‍हें वाराणसी या पटना जैसे जगहों का चक्‍कर नहीं लगाना पड़ेगा। जिलाधिकारी ने केंद्र पर उपस्थित डॉ विक्रांत कुमार से डायलिसिस मशीन के संचालन व उपलब्ध संसाधनों के बारे में जानकारी ली।

डायलिसिस करने के लिए दो तकनीशियन तैनात

राज्य स्वास्थ समिति व अपोलो के समन्वय से स्थापित केंद्र के संचालन में महती भूमिका निभाने वाले हैदराबाद के अपोलो डायलिसिस कंपनी के क्वालिटी मैनेजर ने बताया कि मशीन संचालन के लिए हरे राम व मो. शकील अहमद दो टेक्निशियन उपलब्ध हैं। चार मशीनें किडनी के नाॅर्मल मरीजों के लिए उपयोग में आएंगी। एक मशीन हेपटाइटिस बी व सी के मरीजों के इलाज के काम आएगी।

डायलिसिस कराने में काफी पैसे होते हैं खर्च

मालूम हो कि किडनी रा‍ेगियों को समय-समय पर डायलिसिस करानी पड़ती है। डायलिसिस से खून को साफ किया जाता है। इसके लिए निजी क्‍लीनिकों में तीन से चार हजार रुपये एक बार में देने पड़ते हैं। कई मरीजों को महीने में दो से तीन बार इसकी जरूरत पड़ती है। उनके लिए डायलिसिस कराना असंभव सा हो जाता है। उन्‍हें काफी आर्थिक दिक्‍कतों का सामना करना पड़ता है। उस स्थिति में सरकारी अस्‍पताल में यह सुविधा वरदान की तरह है।

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