नक्सली के लगाए आईईडी विस्फोट में ग्रामीण जख्मी

गया गया जिले के धनगांई थाना क्षेत्र अंतर्गत धबधबा जंगल में रविवार को नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी का विस्फोटक हुआ। विस्फोट में लकड़ी लाने गए महेश यादव गंभीर रूप से घायल हो गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 09:30 AM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 09:30 AM (IST)
नक्सली के लगाए आईईडी विस्फोट में ग्रामीण 
जख्मी
नक्सली के लगाए आईईडी विस्फोट में ग्रामीण जख्मी

गया : गया जिले के धनगांई थाना क्षेत्र अंतर्गत धबधबा जंगल में रविवार को नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी का विस्फोटक हुआ। विस्फोट में लकड़ी लाने गए महेश यादव गंभीर रूप से घायल हो गया। बम के प्रेशर से उसका बाया पैर ठेहुन के नीचे पूर्ण रूप से जख्मी हो चुका है। विस्फोट इतना जोरदार था कि चार फीट का गड्ढा ब्लास्ट होने के बाद घटनास्थल पर बन गया। घटना की सूचना जैसे ही धनगांई गांव में पहुंची गांव के लोग जंगल के तरफ दौड़ पड़े और घायल को खाट पर टांग कर लाया गया। इसी बीच धनगांई थानाध्यक्ष मुन्ना कुमार भी मौके पर पहुंच गए। घटना की पुष्टि करते हुए थानाध्यक्ष न बताया कि धबधबवा जंगल में नक्सलियों की आईईडी ब्लास्ट से एक ग्रामीण घायल हुआ है। उसे गंभीर स्थिति में गया बेहतर इलाज के लिए भेज दी गई है। धबधबवा जंगल में हुए आईईडी ब्लास्ट के बाद जंगलों में छापामारी करने के लिए निकले अर्धसैनिक बल के जवान निकले हैं।

बताया जाता है कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के द्वारा जवानों को लक्ष्य बनाया गया है। ताकि जैसे ही जवान जंगलों में सर्च ऑपरेशन को पहुंचे कि पूर्व से लगे आईईडी के चपेट में आकर उनका सर्च ऑपरेशन की गति वहीं रुक जाए। इस सोच से नक्सली संगठन जंगलों में बमों का जाल बिछा रखा है। ------ जंगल से लकड़ी लाने जाते है ग्रामीण प्रत्येक रविवार को बाराचटटी ग्रामीण क्षेत्र के इलाके के लोग घर में खाना बनाने के लिए जंगलों का लकड़ी लाने जाते हैं। इसी दौरान महेश यादव व पत्नी सुमित्रा देवी के साथ तिलेटाड एवं धनगांई के बीच से निकली धबधबा जंगल में लकड़ी लाने गए थे। परंतु जंगल में नक्सली संगठन द्वारा बिछाए गए आईईडी विस्फोटक लगाया गया था। उसमें महेश फंस गया। जैसे ही उनका पैर पड़ा आईईडी ब्लास्ट कर गया वह घायल होकर गिर पड़ा। ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक महेश की पत्नी सुमित्रा उस रास्ते से आगे बढ़ गई और उसके पीछे लकड़ी का बोझ लिए महेश यादव भी था। क्या पता कि रास्ते में बम भी बिछा है। क्योंकि उसी रास्ते से जंगल में आने जाने का काम लोग करते हैं।

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