असंतुलित खानपान व तनाव से बढ़ता हृदय रोग, रोहतास के इस शिविर में जाकर ले सकते डॉक्‍टरों की सलाह

विश्व हृदय दिवस के अवसर पर बुधवार को सदर अस्पताल में निशुल्क चिकित्सा परामर्श सप्ताह का शुभारंभ सिविल सर्जन डा. सुधीर कुमार ने फीता काट कर किया। उन्होंने कहा कि आज देश में दिल के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 08:50 AM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 08:50 AM (IST)
असंतुलित खानपान व तनाव से बढ़ता हृदय रोग, रोहतास के इस शिविर में जाकर ले सकते डॉक्‍टरों की सलाह
शिविर में लोगों के हृदय की जांच करते डॉक्‍टर। जागरण।

जागरण संवाददाता, सासाराम। विश्व हृदय दिवस के अवसर पर बुधवार को सदर अस्पताल में निशुल्क चिकित्सा परामर्श सप्ताह का शुभारंभ सिविल सर्जन डा. सुधीर कुमार ने फीता काट कर किया। उन्होंने कहा कि आज देश में दिल के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसका मुख्य कारण असंतुलित खानपान एवं तनाव है। हृदय संबंधित रोग उम्र देखकर नहीं होता है। किसी भी उम्र में हम प्रभावित हो सकते हैं। बच्चे, बूढ़े, युवा सभी इस बीमारी से पीडि़त हो सकते हैं।

सिविल सर्जन ने कहा कि हर आयु वर्ग के लोगों को इससे बचाव से संबंधित उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है। साथ ही चिकित्सा परामर्श के अनुसार उपचार कराना भी जरूरी है। खासकर 40 वर्ष के बाद लोग दिल की बीमारी से ज्यादा पीडि़त  हो जाते हैं। हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि उचित खानपान और नियमित व्यायाम करते रहें। पीएचसी से लेकर जिलास्तरीय अस्पतालों में आज से निशुल्क चिकित्सा परामर्श सप्ताह का आयोजन किया गया है। जिसमें चिकित्सकों द्वारा लोगों को हृदय रोग के कारण, लक्षण एवं इससे बचाव की विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाएगी। हृदय रोग से पीडि़त मरीजों को आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर सरकारी अस्पतालों में हो रही जांच की जानकारी देंगी और जांच कराने के लिए प्रेरित करेंगी।

बीमारी के लक्षण दिखते ही कराएं इलाज

एनसीडीओ डा. केएन तिवारी ने कहा कि बीमारी का लक्षण दिखते ही इलाज कराना बेहद जरूरी है। समय पर इलाज कराने से यह बीमारी दूर हो सकती है। जैसे ही बीमारी के लक्षण दिखे कि तुरंत चिकित्सक से इलाज कराना चाहिए और चिकित्सा परामर्श का हरसंभव पालन करना चाहिए। डॉक्‍टरों के मुताबिक, हृदय गति या रक्‍तचाप बढ़ने से आंखों के सामने अंधेरा छाने लगता है। चेहरे से पसीना भी आता है। बेचैनी लगती है। कुछ ऐसे ही लक्षण रक्‍तचाप कम होने पर भी नजर आते हैं। लक्षण का पता चलते ही डॉक्‍टर से संपर्क करना अनिवार्य है।

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