जिले के 1271 प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्‍त होंगे प्रधान शिक्षक , कवायद में जुटा शिक्षा विभाग

वर्षों से जिले के प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त प्रधान शिक्षक के पद को भरने की विभागीय कवायद शुरू कर दी गई है। विभाग से प्राप्त रिक्ति के आलोक में 1271 प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षक की नियुक्ति होगी जिसका रोस्टर तैयार करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 05:46 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 05:46 PM (IST)
जिले के 1271 प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्‍त होंगे प्रधान शिक्षक , कवायद में जुटा शिक्षा विभाग
पद को भरने के लिए कवायद में जुटा शिक्षा विभाग, सांकेतिक तस्‍वीर।

सासाराम:रोहतास, जागरण संवाददाता। वर्षों से जिले के प्राथमिक विद्यालयों में रिक्त प्रधान शिक्षक के पद को भरने की विभागीय कवायद शुरू कर दी गई है। विभाग से प्राप्त रिक्ति के आलोक में 1271 प्राथमिक विद्यालय में प्रधान शिक्षक की नियुक्ति होगी, जिसका रोस्टर तैयार करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। प्राथमिक शिक्षा शिक्षा निदेशक डीईओ व डीपीओ स्थापना को पत्र भेज रोस्टर कार्य संपादित करते हुए शीघ्र प्रतिवेदन देने को कहा है ताकि प्रधान शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके। इन विद्यालयों में प्रधान शिक्षक की बहाली हो जाने के बाद प्रभार में चल रहे कार्यों को स्थायी व निर्बाध रूप से संपादित कराने में विभाग को सहूलियत हो जाएगी।

डीईओ संजीव कुमार ने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत प्रधान शिक्षक के पद को पंचायती राज व नगर निकाय संस्थाओं के तहत कार्यरत शिक्षक के मूल कोटि के पद में किया गया है। विभागीय निर्देश के आलोक में जल्द ही जिला स्तर पर आरक्षण रोस्टर को क्लीयर करने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

अतिथि शिक्षकों की ली जाएगी सेवा

तीन माह पूर्व जिले के जिन माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों को हटा दिया गया था, वहां पर फिर से उनकी सेवा ली जाएगी। इस संबंध माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने डीईओ को पत्र भेज चिन्हित विद्यालयों में दैनिक पारिश्रमिक पर नामित शिक्षकों की सेवा लेने का निर्देश दिया है। जिन अतिथि शिक्षकों की सेवा बहाली की गई है, उनमें राजकीयकृत राजकेश्वर ङ्क्षसह प्लस टू स्कूल खुढऩु में अंग्रेजी के मो. शहनवाज व राजकीय उवि श्रीनगर के रसायन शास्त्र के राजेश कुमार शामिल हैं, जिन्हें 15 जुलाई 2021 के विभागीय निर्देश के आलोक में हटाने का फरमान जारी किया गया था।

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