Festive mood: यूपी-बिहार की सीमा पर धूमधाम से मनाया गया हजरत अंजान शहीद बाबा का सालाना उर्स

रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन से हिंदू-मुस्लिम एकता वं आपसी भाईचारा व प्रेम देखने को मिलता है। साथ ही बुजुर्गों ने दिन व ऋषियों-मुनियों द्वारा जो नेक रास्ते पर चलने का संदेश दिया गया है उसकी याद ताजा हो होती है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 01:51 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 01:51 PM (IST)
Festive mood: यूपी-बिहार की सीमा पर धूमधाम से मनाया गया हजरत अंजान शहीद बाबा का सालाना उर्स
लोगों को संबोधित करते विधायक सुधाकर सिंह। जागरण।

संवाद सूत्र, दुर्गावती (भभुआ)। प्रखंड के यूपी बिहार बॉर्डर पर खजुरा पड़ाव सरैंया गांव स्थित हजरत अंजान शहीद बाबा का बुधवार की रात सालाना उर्स धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में रामगढ़ के विधायक सुधाकर सिंह ने दरगाह पर चादर पोशी कर मत्था टेका और देश व समाजहित में अमन चैन की दुआ मांगी। विधायक ने फीता काटकर कव्वाली समारोह का उद्घाटन किया।

जहां पर हजारों की तादाद में जायरीनों ने बाबा की मजार पर चादर चढ़ाकर दुआएं मांगी और रात भर शानदार जवाबी कव्वाली का लोगों ने लुफ्त उठाया। इस अवसर पर सुबह कुरान ख्वानी सायं चादरपोशी तथा रात्रि में मशहूर कौव्वाल महताब भारती बिहार गया एवं नगमा वारसी कौव्वाला वाराणसी के बीच शानदार मुकाबला हुआ। उन्होंने पूरी रात गजल और नातिया कलाम सहित कव्वालियों का शानदार प्रोग्राम पेश किया गया।

कौव्वाली शुरू होने से पूर्व सरैया गांव स्थित मस्जिद के पास से शाम चार बजे से जुलूस के साथ बाबा का चादर उठा तथा खजुरा बाजार नौबतपुर होते हुए मजार पर आकर चादरपोशी की गई। चादरपोशी के दौरान यूपी बिहार के काफी संख्या मे हिन्दू मुस्लिम बंधुओ ने ज्यारत कर मुल्क की तरक्की व अमन चैन के लिए दुआ ख्वानी की। इस दौरान सुबह से ही दरगाह शरीफ पर जायरीनों का ताता जियारत के लिए लगा रहा। उर्स के मौके पर मजार को सजाया गया था। आकर्षक पंडाल तथा रंग-बिरंगे झूमर और लाइटिंग उर्स की भव्यता के चार चांद लगा रहे थे। इस मौके राजा खान, बाबर खान, आंनद सिंह, सावठ पंचायत मुखिया  मकसूद अली को कमेटी की ओर से पगङी बाध कर सम्मानित किया गया।

इस दौरान रामगढ़ विधायक सुधाकर सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए  कहा कि ऐसे आयोजन से हिंदू-मुस्लिम एकता वं आपसी भाईचारा व प्रेम देखने को मिलता है। साथ ही बुजुर्गों ने दिन व ऋषियों-मुनियों द्वारा जो नेक रास्ते पर चलने का संदेश दिया गया है उसकी याद ताजा हो होती है। उर्स के मौके पर यहां यूपी-बिहार के आए हुए हजारों श्रद्धालुओं को मेरी शुभकामनाएं है। कहा कि बहुत खुशनसीब वाले होते हैं जो उर्स के मौके पर पहुंच कर दुआएं हासिल करते हैं और बुजुर्गों को याद करते हैं। तत्पश्चात बिहार से आए हुए मशहूर कव्वाल महताब भारती व नगमा वारसी युपी वाराणसी के बीच कड़ा मुकाबला शुरू हुआ उसमें उर्स में कव्वाल पार्टियों ने  एक से बढ़कर एक कलाम प्रस्तुत किए। नगमा वारसी कव्वाला वाराणसी ने पढ़ा फात्मा के दुलारो की क्या शान है और शहीदों का उम्मत पर एहसान है, परचमेहक जमाने मे ऊचा किया, सर कटाया मगर सर नही झुकाया,आप ही दोनो आलम के सुल्तान है,आपही सारी नवियो के जीशान है। वहीं महताब भारती कव्वाल ने कहा मांगों दुआ वसीले से खाली न जाएगी अरसे आजम पे प्यारे नवी के शिवा, और किसी को खुदा ने बुलाया नही।

किस्मत खुल जाने तक मेरा, मौका आया है इसी लिये ख्वाजा मे हमे अजमेर बुलाया है। सुनकर श्रोता गण झूम उठे। उर्स में बड़ी तादाद में हिंदू और मुस्लिम लोगों ने शिरकत की। वहीं तमाम दूर-दराज से आए हुए  हजारों की संख्या में महिलाएं व पुरूष पूरी रात भोर पहर तक जवाबी कव्वाली का आनंद लिया। इस दौरान  पूर्व जिला परिषद सदस्य आनंद सिंह, राजा खां, सावठ मुखिया मकसूद अली, राजकुमार यादव,मैनुद्दीन शाह,मुमताज अली,मुबारक अली, बाबर खां, संजय सिंह, पिंकू सिंह, तिलकधारी गुप्ता, महेंद्र गुप्ता, छठठु मियां, अनवर, राजकुमार यादव, इमरान खान सहित हजारों की संख्या में यूपी बिहार के लोग मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी