जीटी रोड की सर्विस लेन बनी मछली बाजार, खुले में बिक रहा मांस, सड़क पर अतिक्रमण से राहगीर परेशान
नगर में अतिक्रमणकारियों की मनमानी चरम पर है। प्रशासन उदासीन है। इसका अतिक्रमणकारी भरपूर लाभ उठा रहे हैं। नगर पंचायत द्वारा मांस विक्रेताओं को आरओबी के नीचे रेलवे लाइन से उत्तर जगह दी गयी है। सड़क पर मांस काटते हैं।
संवाद सहयोगी, मोहनियां (कैमूर)। नगर में अतिक्रमणकारियों की मनमानी चरम पर है। प्रशासन उदासीन है। इसका अतिक्रमणकारी भरपूर लाभ उठा रहे हैं। नगर पंचायत द्वारा मांस विक्रेताओं को आरओबी के नीचे रेलवे लाइन से उत्तर जगह दी गयी है। लेकिन, मांस विक्रेता मुंडेश्वरी गेट से पश्चिम जीटी रोड के सर्विस लेन में खुले में ठेले पर दुकान लगाकर बैठते हैं। सड़क पर मांस काटते हैं। इसी सड़क से प्रतिदिन अनुमंडल के वरीय पदाधिकारियों के अलावा प्रखण्ड व अंचल के अधिकारियों का प्रतिदिन आना जाना होता है।
मांस विक्रेता प्रशासन को खुली चुनौती देते हैं। नगर में समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की खानापूर्ति की जाती है। पदाधिकारियों को देखकर अतिक्रमणकारी भाग खड़े होते हैं। इक्का-दुक्का जो बच गए उनके विरुद्ध नगर पंचायत जुर्माना लगाता है। अगले दिन सभी अतिक्रमणकारी पुनः सड़क पर कब्जा जमाए नजर आते हैं। गत वर्ष मोहनियां के तत्कालीन थानाध्यक्ष उदय भानु सिंह ने मांस विक्रेताओं के विरुद्ध सघन अभियान चलाया था। नगर पंचायत के पदाधिकारी व कर्मियों के साथ उन्होंने मांस विक्रेताओं का सामान जप्त किया था। इससे ये भाग खड़े हुए थे। उनके स्थानांतरण के बाद पुनः मांस विक्रेता सड़क पर काबिज हो गए। सूबे के बस पड़ावों में अपना स्थान रखने वाला मोहनियां के अंतरप्रांतीय बस पड़ाव के उत्तरी गेट के पश्चिम जीटी रोड के सर्विस लेन में एक आधा दर्जन ठेले पर मांस की दुकानें लगती हैं। यहां खुले में बकरे और मुर्गे काटे जाते हैं। इसे देखकर राहगीरों की रूह कांप जाती है। कई राहगीर तो सड़क पर गिरकर अचेत हो जाते हैं।
सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को होती है। एनएच 30 मोड़ से टेन प्लस टू शारदा ब्रजराज उच्च विद्यालय तक जीटी रोड का सर्विस लेन काफी व्यस्त रहता है। सुबह से लेकर देर रात तक सड़क पर राहगीरों का आना जाना लगा रहता है। जिस रोड में मांस की दुकानें लगती हैं उसी रोड में पंजाब नेशनल बैंक व आधा दर्जन अस्पताल भी हैं। इस दृष्टिकोण से जीटी रोड का दक्षिणी सर्विस लेन काफी महत्वपूर्ण है। जिसे देख मांस विक्रेताओं ने इसी रोड में मांस बेचना शुरू कर दिया है। ज्ञात हो कि नगर पंचायत द्वारा रेल ऊपरी पुल के नीचे डड़वा में मांस विक्रेताओं के लिए जगह आवंटित की गई है। कुछ दिन तक वहां मांस विक्रेता दुकान लगाये। इसके बाद धीरे धीरे भीड़ को देखते हुए दुकानदार बाजार की तरफ रुख कर लिए। आज भी कुछ मांस की दुकानें डड़वां में लगती हैं। कई मांस विक्रेता वार्ड संख्या पांच में रेल ऊपरी पुल के नीचे मांस की दुकानें लगाते हैं। इन पर न तो नगर पंचायत का नहीं पदाधिकारियों का नियंत्रण है। जिसका नतीजा है कि जहां जिसका मन करता है वही दुकान लगा कर बैठ जाता है।
इस रोड से पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों का प्रतिदिन आना जाना होता है। इसके बावजूद सड़क पर अतिक्रमण कर मांस की दुकानें लगाने वालों में कानून का भय नहीं है। इस संबंध में पूछे जाने पर मोहनियां नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने कहा की मांस विक्रेताओं को पहले से ही आरओबी के नीचे जगह आवंटित किया गया है। इसके बाद भी कुछ मांस विक्रेता जीटी रोड के दक्षिणी सर्विस लेन में मांस की दुकान लगा रहे हैं। इससे सड़क पर गंदगी फैलती है। गत वर्ष थाना के सहयोग से इनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी।सामान जप्त कर जुर्माना वसूला गया था। पुनः ये सड़क पर काबिज हो गए हैं।शीघ्र ही नगर पंचायत द्वारा मांस विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खुले में सड़क पर मांस की बिक्री नहीं होने दी जाएगी।