Good News: फिर विकास की गाथा लिखेगा रोहतास प्रखंड का रेहल गांव, DFO संजय सिंह का सपना होगा साकार
कैमूर पहाड़ी पर बसे जिले के नक्सल प्रभावित रोहतास प्रखंड का रेहल गांव एक बार फिर विकास की गाथा लिखने की ओर अग्रसर है। लगभग दो दशक पूर्व यहां के डीएफओ रहे संजय सिंह ने जिस सपने को देखा था उसे अब धरातल पर उतारने का कार्य जारी है।
जागरण संवाददाता, सासाराम। कैमूर पहाड़ी पर बसे जिले के नक्सल प्रभावित रोहतास प्रखंड का रेहल गांव एक बार फिर विकास की गाथा लिखने की ओर अग्रसर है। लगभग दो दशक पूर्व यहां के डीएफओ रहे संजय सिंह ने जिस सपने को देखा था, उसे अब धरातल पर उतारने का कार्य किया जा रहा है।
रोहतास जिले में आयोजित होने वाले प्रखंड विकास सह लोक शिकायत निवारण शिविर का आगाज जिला प्रशासन 22 जुलाई को रेहल गांव से ही करने जा रहा है। वहां पर सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय जनता को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराने, स्थानीय स्तर पर प्रशासन की सभी इकाइयों के माध्यम से सरकारी सेवाओं का लाभ पहुंचाने एवं जन शिकायतों को दूर कर लोगों में प्रशासन के प्रति विश्वास कायम रखने का कार्य अधिकारी करेंगे।
दो दर्जन विभागों से जुड़े मामले होंगे निष्पादित
शिविर में राजस्व, शिक्षा, लोक शिकायत, सामाजिक सुरक्षा कोषांग समेत दो दर्जन से अधिक विभागों से जुड़े मामलों की सुनवाई कर आन द स्पाट निष्पादन किया जाएगा। सभी विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि संबंधित प्रखंड से जुड़े अपने विभाग के लंबित मामलों को निष्पादन करने के उद्देश्य से शिविर में उपस्थित हो, ताकि आमलोगों को उसका लाभ मिल सके। इससे जहां ग्रामीणों को बेवहज का दफ्तरों का चक्कर नहीं काटना पड़ेगा, वहीं सरकार व प्रशासन के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा।
दो दशक पूर्व संजय सिंह ने देखा था पहाड़ी गांवों के विकास का सपना
दो दशक पूर्व तत्कालीन डीएफओ संजय सिंह ने कैमूर पहाड़ी पर बसे गांवों में शांति के साथ विकास का सपना देखा था। 15 फरवरी 2002 को नक्सलियों द्वारा रेहल में उनकी निर्मम हत्या किए जाने के बाद सपना पूरा नही हो पाया। परंतु पुलिस कप्तान के रूप में कमान संभालने वाले विकास वैभव व मनु महाराज के अलावा डीएम रहे अनुपम कुमार व अनिमेष कुमार पराशर ने शहीद डीएफओ के सपने को साकार करने की दिशा में पहल शुरू की, जो 2018 में धरातल पर उतरते दिखा। जब सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने छह अप्रैल को नल-जल योजना का उदघाटन करने रेहल पहुंचे। बहुत कम समय में जिला प्रशासन व ग्रामीणों की दृढ़ इच्छाशक्ति के बदौलत गांव में विकास के बहुत सारे कार्य हुए थे।