Good News: गर्मी आते ही स्वादिष्ट नीरा बनाने की तैयारी शुरू, गया जिले में हैं सर्वाधिक 14 लाख तार के पेड़

जीविका के आजीविका प्रबंधक मोहम्मद शमीम बताते हैं कि इस बार चयनित टैपरों को पीएच मीटर रिफ्रैक्टोमीटर आइस वेडिंग कार्ड ठेला गुमटी आदि दिया जाएगा। पीएच मीटर के जरिए वह तार से उतारे गए रस में ताड़ी है या नीरा इसका माप कर सकेंगे।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 10:46 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 10:46 AM (IST)
Good News: गर्मी आते ही स्वादिष्ट नीरा बनाने की तैयारी शुरू, गया जिले में हैं सर्वाधिक 14 लाख तार के पेड़
नीरा बनाने के लिए जिलास्तर पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल जीविका के कर्मी। जागरण।

जागरण संवाददाता, गया। गर्मी का मौसम दस्तक दे रही है। इसके साथ ही जिले में नीरा बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। गांव कस्बों में रहे लंबे-लंबे तार के पेड़ से निकलने वाले रस(ताड़ी) से नीरा बनाया जाता है। बिहार में सर्वाधिक तार के पेड़ गया जिले में हैं। साल 2017 में जिला कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक जिले में 14 लाख तार के पेड़ हैं। इस बार नीरा बनाने वाले टैपरों को जीविका की ओर से अधिक सुविधाएं दी जाएगी। ताकि टेपर जरूरत की सामग्रियों से अधिक से अधिक स्वादिष्ट नीरा तैयार कर बाजार में बेच सकें। इन सब को लेकर जीविका जिला स्तर पर अपने कर्मियों को प्रशिक्षण दे रही है। यही कर्मी अपने-अपने प्रखंड में जाकर टैपरों को नीरा बनाने की आधुनिक तकनीक के बारे में बताएंगे। सामुदायिक स्तर पर उस समाज के लोगों को नीरा की ट्रेनिंग दी जाएगी। गर्मी के दिनों में विशेषकर अप्रैल से जून महीने में नीरा तैयार करने के लिए सबसे उपयुक्त मौसम माना जाता है। इन महीनों में तार पेड़ से अधिक रस प्राप्त होते हैं।

6- 7 पीएच मान वाले रस नीरा के लिए होते बेहतर

जीविका के आजीविका प्रबंधक मोहम्मद शमीम बताते हैं कि इस बार चयनित टैपरों को पीएच मीटर, रिफ्रैक्टोमीटर, आइस वेडिंग कार्ड ठेला, गुमटी आदि दिया जाएगा। पीएच मीटर के जरिए वह तार से उतारे गए रस में ताड़ी है या नीरा इसका माप कर सकेंगे।  6 से 7 पीएच मान वाले रस को नीरा के लिए बेहतर माना जाता है। वहीं रिफ्लेक्टोमीटर यंत्र से नीरा में उपलब्ध चीनी अथवा ग्लूकोज की मात्रा का आसानी से पता लगाया जाता है।

लीची से लेकर मैंगो फ्लेवर में उपलब्ध होगा नीरा

अभी प्रशिक्षण के दौरान उन तैयार नीरा को अलग-अलग स्वाद में तैयार करने की विधि भी बताई जा रही है। लीची फ्लेवर, मैंगो फ्लेवर, से लेकर अन्य फ्लेवर में यह नीर तैयार होंगे। जो बाजार में लोगों का स्वाद बढ़ाएंगे। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साल 2017 से तार के पेड़ से नीरा बनाने की योजना शुरू की है। विशेषकर शराबबंदी के बाद से ताड़ी के बजाय नीरा पर सरकार का विशेष ध्यान है।

नीरा के जरिए टैपरों को बेहतर रोजगार देना चाहती है सरकार

सरकार तार के पेड़ पर चढ़ने वाले टैपरों को जहां रोजगार उपलब्ध कराना चाहती है। वहीं लोगों को ताड़ी के बजाय नीरा पीकर स्वास्थ्य लाभ लेने को भी प्रेरित कर रही है। बताते चलें कि तार के पेड़ से मिलने वाले रस से गुड़, शक्कर, नीरा, कोल्ड ड्रिंक्स समेत कई प्रकार के प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं। बाजार में इन देसी प्रोडक्ट की काफी मांग होती है। टैपरों को इन सामानों की बिक्री करने पर एक अच्छी रकम प्राप्त होती है।

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