Good News: गया की दिव्यांग शबनम परवीन को मिला हुनरबाज अवार्ड, कर रहीं मोमबत्ती का व्‍यवसाय

आजादी के अमृत महोत्सव में दीनदयाल उपाध्याय कौशल योजना अंतर्गत बेहतर कार्य करने वाले देश के युवाओं को हुनरबाज अवार्ड दिया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के मोहनपुर प्रखंड अंतर्गत इटावा की शबनम परवीन को भी अवार्ड मिला है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 03:16 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 03:16 PM (IST)
Good News: गया की दिव्यांग शबनम परवीन को मिला हुनरबाज अवार्ड, कर रहीं मोमबत्ती का व्‍यवसाय
जीविका जिला कार्यालय में सम्मान प्राप्त करतीं शबनम परवीन। जागरण।

जागरण संवाददाता, गया। आजादी के अमृत महोत्सव में दीनदयाल उपाध्याय कौशल योजना अंतर्गत बेहतर कार्य करने वाले देश के युवाओं को 'हुनरबाज अवार्ड' दिया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के मोहनपुर प्रखंड अंतर्गत इटावा की शबनम परवीन को भी अवार्ड मिला है। राष्ट्रीय स्तर के इस सम्मान में बिहार से सफलता हासिल करने वाली शबनम इकलौती महिला हैं। इसके लिए शनिवार को वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम आयोजित किया गया। जीविका जिला कार्यालय में जिला परियोजना प्रबंधक गया मुकेश सासमल व पंजाब नेशनल बैंक के सर्किल हेड ने शबनम को अवार्ड दिया। इस बारे में जीविका के रोजगार प्रबंधक ज्योति प्रकाश ने बताया कि आरसेटी से उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

जानकारी एक नजर में स्वरोजगार के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए मिला सम्मान, बिहार से सम्मानित होने वालीं एकमात्र महिला आरसेटी से ट्रेनिंग लेकर 2018 में शुरू किया था मोमबत्ती व्यवसाय, कोरोना काल में मास्क भी बनाए आजादी के अमृत महोत्सव में दीनदयाल उपाध्याय कौशल योजना अंतर्गत बेहतर कार्य करने पर मिला अवार्ड

2018 में प्रशिक्षण लेने के बाद शबनम ने खुद मोमबत्ती का व्यवसाय शुरू किया। पहले साल में शबनम को करीब 85 हजार रुपये का मुनाफा हुआ। कोरोना काल में शबनम के यहां से तैयार मास्क पंचायतों में बांटे गए। शबनम परवीन दिव्यांग हैं। वह स्वरोजगार के क्षेत्र में सम्मानित होने वालीं बिहार की पहली बेटी हैं। उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान की ओर से बेहतर काम करने के लिए सम्मान दिया गया है। वर्चुअल मोड में जिला जीविका कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मोमेंटो, प्रमाण पत्र व बैज देकर सम्मानित किया गया। सम्मान के लिए स्वरोजगार के क्षेत्र में आरसेटी के नौ लाभुकों का चयन किया गया था। सम्‍मान पाकर शबनम काफी खुशी दिखीं। उन्‍होंने कहा कि पुरस्‍कार हौसला बढ़ाता है। उनके प्रयास से दूसरी महिलाओं को भी प्रेरणा मिली। महिलाएं अब सशक्‍त होकर अपने पैरों में खड़ी हो रही हैं।

chat bot
आपका साथी