फार्मेसी में करियर बनाने वालों के लिए अच्छी खबर, रोहतास सदर अस्पताल परिसर में शुरू होंगे कोर्स
फार्मेसी के क्षेत्र में करियर बनानेवालों के लिए अच्छी खबर है। रोहतास के सदर अस्पताल परिसर में स्थित पारा मेडिकल संस्थान में फार्मेसी की पढ़ाई शुरू होगी। इसमें तीन महत्वपूर्ण कोर्स के अलावा अन्य स्ट्रीम शुरू किए जाएंगे। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है।
सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। फार्मेसी में कैरियर बनाने वाले जिले के छात्रों के लिए अच्छी खबर है। सदर अस्पताल परिसर स्थित पारा मेडिकल कॉलेज (Para Medical College) में फार्मेसी की पढ़ाई जल्द शुरू होने की उम्मीद है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (Pharmacy Council of India) के मानकों के अनुरूप संस्थान में सभी आवश्यक उपकरण, कंप्यूटर, ग्लास वेयर, तथा केमिकल्स आदि की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा किताबें और आवश्यक जर्नल (पब्लिकेशन व लेखकों के नाम के साथ) जुटाने का कार्य शुरू किया गया है।
संस्थान में पाठ्यक्रम की शुरुआत करने के इरादे से आवश्यक संसाधनों को सूचीबद्ध करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया है। टीम को दो दिन के अंदर संसाधनों को सूचीबद्ध कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है ताकि शिक्षण कार्य शुरू करने की दिशा में अग्रेतर कार्रवाई की जा सके।
मैट्रिक-इंटर पास छात्रों का होगा दाखिला
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. केएन तिवारी ने बताया कि मैट्रिक-इंटर पास छात्रों को फार्मेसी कॉलेज में दाखिला मिलेगा। योग्यता के अनुसार उन्हें डिप्लोमा या डिग्री कोर्स में प्रवेश मिलेगा। मुख्य रूप से डी-फार्मा, बी-फार्मा व एम-फार्मा (D Pharma, B Pharma and M Pharma) कोर्स की पढ़ाई होगी। इसके अतिरिक्त नन असिस्टेंट मेडिकल अफसर समेत कुछ अन्य कोर्सों की भी पढ़ाई होगी। छात्र-छात्रा चार वर्षीय ग्रेजुएशन का कोर्स पूरा कर दवा बनाने व उसके उपयोग करने के तरीके समेत अन्य जानकारी हासिल करेंगे। बी-फार्मा के तहत मेडिसिन में रूचि रखने वाले वैसे छात्रों को शिक्षा मिलेगी, जो बॉयो-केमिकल क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। वहीं एम फार्मा के लिए न्यूनतम योग्यता बी फार्मा होगी।
फार्मेसी की पढ़ाई से यह है फायदा
इंटर के बाद फार्मेसी की पढ़ाई करने वाले छात्रों को कई फायदे होंगे। बी-फार्मा करने के बाद केमिस्ट के तौर पर जॉब तो मिलेगा ही दवा दुकान खोलने के लिए अनुज्ञप्ति प्राप्त करने के भी हकदार हो सकते हैं। एक फार्मासिस्ट के रूप में कॉलेजों के अलावा सरकारी व गैर सरकारी विभागों के रिसर्च यूनिट में काम करने का भी मौका मिलेगा। वहीं डिप्लोमा करने वाले भी दवा दुकानों में फार्मासिस्ट के तौर पर कार्य करेंगे।
एक वर्ष पूर्व कैबिनेट ने दी थी मंजूरी
राज्य कैबिनेट ने बीते वर्ष जनवरी में मुख्यमंत्री सात निश्चय के तहत सासाराम समेत सात जिलों में बने पारा मेडिकल संस्थान को फार्मेसी कॉलेज के रूप में मान्यता देने की मंजूरी दी थी। जिसके बाद सदर अस्पताल में बने पारा मेडिकल संस्थान को फार्मेसी कॉलेज का दर्जा देने पर अपनी मुहर लगा दी थी। शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मियों के पद सृजन व नियुक्ति की भी हरी झंडी सरकार से मिल चुकी है।