मेडिकल में भगवान भरोसे इलाज, बेड से नीचे गिरने पर भी मरीज को कोई नहीं उठाता
गया। मगध मेडिकल अस्पताल की वर्तमान कुव्यवस्था हरेक सभ्य व्यक्ति को सोचने पर मजबूर कर रही है। मरीजों की बेहतर देखभाल के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। यह कहें कि भगवान भरोसे मरीज हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। दरअसल में एमसीएच भवन के पहले तल्ला पर स्थित भर्ती वार्ड के बेड नंबर 22 पर एक पुरुष मरीज कई दिनों से इलाजरत है। मंगलवार की दोपहर करीब 12 बजे मरीज बेहोशी की अवस्था में अपने बेड से नीचे गिर गया। हैरानी इस बात की रही की करीब आधा घंटा तक उस मरीज को देखने कोई नहीं आया।
गया। मगध मेडिकल अस्पताल की वर्तमान कुव्यवस्था हरेक सभ्य व्यक्ति को सोचने पर मजबूर कर रही है। मरीजों की बेहतर देखभाल के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। यह कहें कि भगवान भरोसे मरीज हैं तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। दरअसल में एमसीएच भवन के पहले तल्ला पर स्थित भर्ती वार्ड के बेड नंबर 22 पर एक पुरुष मरीज कई दिनों से इलाजरत है। मंगलवार की दोपहर करीब 12 बजे मरीज बेहोशी की अवस्था में अपने बेड से नीचे गिर गया। हैरानी इस बात की रही की करीब आधा घंटा तक उस मरीज को देखने कोई नहीं आया। यदि उस वार्ड में किसी स्वास्थ्य कर्मी की ड्यूटी रहती तो निश्चित रूप से उस मरीज को अविलंब मदद मिलती। करीब आधा घंटा के बाद एक स्टाफ आया। उसने किसी तरह से उस मरीज को उठाकर बेड पर लिटा दिया। घंटों तक कोई डॉक्टर उसकी सुध लेने नहीं आए। जैसे किसी को कुछ पता ही नहीं। सवाल उठता हैं कि वार्ड में तैनात कर्मी क्या करते हैं? बाद में वहां भर्ती मरीजों द्वारा इस बात की चर्चा हुई कि शायद उस मरीज की मौत हो गई। लापरवाही यहीं नहीं खत्म हो गई। हादसे के बाद शाम हो गया। लेकिन उस मरीज या उसकी संभावित डेथ बॉडी की सुध कोई लेने तक नहीं आया था। इस बीच वहां भर्ती दूसरे मरीज परेशान दिखे। इस पूरे मामले पर प्रभारी अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि मामला काफी गंभीर है। जांच के बाद जो भी दोषी होंगे उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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मौत के घंटों बाद तक स्वजनों को नहीं मिलती सही सूचना
-कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में लापरवाही इस कदर है कि मरीज की मौत के घंटों बाद भी उनके स्वजनों को जरूरी जानकारी नहीं दी जाती। कुछ दिन पहले इसी तरह से एक महिला ने दम तोड़ दिया। रात भर तक उसके स्वजनों को कोई जानकारी नहीं मिली। अगली सुबह जब वेंडर द्वारा नाश्ता पहुंचाने के क्रम में मौत का पता चला। जरूरत है इंसानियत और मानवता के साथ अपनी चिकित्सीय जवाबदेही निभाने की।