गया की शिक्षिका सुष्मिता के अनोखे मटका वाले कूलर की हर तरफ चर्चा, केंद्र सरकार ने दिया फेलोशिप

गया शहर के चंदौती प्रखंड स्थित प्लस टू चंदौती उच्च विद्यालय की शिक्षिका सुष्मिता सान्याल ने मटका वाला कूलर तैयार किया है। वेस्ट टू हेल्थ प्रोग्राम के तहत उनका यह अनोखा प्रयास है। इस कूलर का प्रजेंटेशन केंद्र सरकार के प्रधान सलाहकार वैज्ञानिक विजय राघवन ने देखा।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Tue, 24 Aug 2021 10:24 AM (IST) Updated:Tue, 24 Aug 2021 10:32 AM (IST)
गया की शिक्षिका सुष्मिता के अनोखे मटका वाले कूलर की हर तरफ चर्चा, केंद्र सरकार ने दिया फेलोशिप
शिक्षिका सुष्मिता सान्‍याल अपने मटका कूलर के साथ। जागरण फाेटो।

गया, जागरण संवाददाता। गया शहर के चंदौती प्रखंड स्थित प्लस टू चंदौती उच्च विद्यालय की शिक्षिका सुष्मिता सान्याल ने घड़ा यानि मटका वाला कूलर तैयार किया है। वेस्ट टू हेल्थ प्रोग्राम के तहत उनका यह अनोखा प्रयास है। इस कूलर का प्रजेंटेशन केंद्र सरकार के प्रधान सलाहकार वैज्ञानिक विजय राघवन ने देखा। जिसके बाद से इसकी चर्चा हो रही है। शिक्षिका सुष्मिता सान्याल को केंद्र सरकार ने कचरे से ऊर्जा तैयार करने के लिए एक साल की फेलोशिप भी दी है। बता दें कि शिक्षिका सुष्मिता सान्याल कचरा प्रबंधन के लिए काम कर रही हैं। विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के 9 राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के वेस्ट टू वेल्थ मिशन के तहत अपशिष्ट प्रबंधन से ऊर्जा निर्माण करने के लिए सुष्मिता को फेलोशिप दिया गया है। सान्याल के अब तक के कार्यों के लिए केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सलाहकार वैज्ञानिक के सामने वर्चुअल तरीके से चर्चा हुई है।

60 प्रोजेक्ट में से एक गया का मटका कूलर भी चयनित

सुष्मिता ने बताया की केंद्र सरकार का स्वच्छता सारथी मिशन है। हम जैसे लोगों को यह एक मंच देता है। जब मटका वाला कूलर प्रोजेक्ट को समिट की थी। उस वक्त 1000 से अधिक प्रोजेक्ट का एप्लीकेशन आया था। उसमें से 60 प्रोजेक्ट को सेलेक्ट किया गया। 60 प्रोजेक्ट में से एक मेरा भी प्रोजेक्ट है। वह तीन साल से कचड़े का निष्पादन और रिसाइङ्क्षक्लग के लिए काम कर रही हैं। घड़ा वाला कूलर घर से निकलने वाले कचरा से बना है। जिसको बनाने में मात्र 500 रुपया खर्च पड़ता है। सरकार ने जो फेलोशिप दिया है उससे कचरा से ऊर्जा का विकास करना है। अभी वह कूलर को चलाने के लिए बाइक की बैटरी का उपयोग कर रही हैं। आगे वह कचरे से ऊर्जा तैयार कर उसी से इस कूलर को चलाने की सोच रखती हैं।

कचरे को निष्पादन के लिए छात्रों को शिक्षिका सिखा रही गुर

वेस्ट टू वेल्थ प्रधानमंत्री विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद ( पीएम-एसटीआईएसी ) के 9 राष्ट्रीय मिशनों में से एक है। उद्देश्य कचरा प्रबंधन के लिए विभिन्न समुदायों को संवेदनशील बनाने और कचरे को उपयोगी स्वरूप देने के लिए नए विकल्प उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। शिक्षिका सुष्मिता सान्याल की टीम में प्लस टू चंदौती उच्च विद्यालय के इंचार्ज शिक्षक शैलेंद्र कुमार एवं कंप्यूटर शिक्षक ई. सर्वजीत ङ्क्षसह ने संयुक्त रूप से कचरे को कम करने के लिए विभिन्न उपायों को क्रियांवित करने का प्रयास कर रही है ताकि पृथ्वी को और हरा भरा बनाया जा सके। इस फेलोशिप के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह में कार्य कर रहे नागरिकों को प्रोत्साहन मिलेगा जो अपने उत्तरदायित्व से आगे बढ़कर कार्य कर रहे हैं। इस टीम में प्लस टू चंदौती उच्च विद्यालय के छात्रों में संध्या कुमारी, प्रसन्नजीत,काजल,नीतू,शिम्मी,करिश्मा,चांदनी,हेमा एवं रौनक शामिल है।

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