छोटी उम्र से ही नर्स बनना चाहती थीं सोरेंग, एएनएम की डिग्री लेकर अब कर रहीं कुष्ठ रोगियों का इलाज
गया शहर स्थित गौतम बुद्ध कुष्ठ आश्रम अस्पताल की एएनएम मेरी गोरेती सोरेंग कुष्ठ मरीजों की देखभाल सेवा भाव से करने के लिए जानी जाती हैं। दीन-दुखियों की सेवा करना इन्हें अच्छा लगता है। महान मदर टेरेसा के विचारों से ये प्रभावित हैं।
जागरण संवाददाता, गया। गया शहर स्थित गौतम बुद्ध कुष्ठ आश्रम अस्पताल की एएनएम मेरी गोरेती सोरेंग कुष्ठ मरीजों की देखभाल सेवा भाव से करने के लिए जानी जाती हैं। दीन- दुखियों की सेवा करना इन्हें अच्छा लगता है। महान मदर टेरेसा के विचारों से ये प्रभावित हैं। सोरेंग कहती हैं कि खुद कष्ट में रहकर भी दूसरों की सेवा करना सीखा है। यही मानवता है।
वह बताती हैं कि उनकी एक बड़ी बहन अमेरिका स्थित टेरेसा ट्रस्ट में अपना योगदान दे रही हैं। जबकि दूसरी बड़ी बहन मगध मेडिकल अस्पताल, गया में नर्स रहते हुए मरीजों की बहुत सेवा की। अपनी बड़ी बहन को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ड्यूटी के लिए जाते समय नर्सिंग के यूनिफॉर्म में देख उन्हें काफी अच्छा लगता था। उनके अंदर भी सोच थी कि वह भी बड़ा होकर नर्स बनेंगी।
इसी भावना से उन्होंने एएनएम की पढ़ाई की। मेरी गोरेती सोरेंग आज उन मरीजों की सेवा कर रही हैं जिन्हें सामान्य तौर पर लोग घृणा करते हैं। लेकिन सोरेंग बड़े ही सेवा भाव के साथ इन मरीजों के जख्मों पर मरहम लगाती हैं। पट्टी लगाती हैं। और सुई भी लगाती हैं। वह कहती हैं कि नर्सिंग का क्षेत्र सेवा और समर्पण के साथ दूसरों की तकलीफें दूर करने के लिए होता है। गौरतलब है कि वह कुष्ठ अस्पताल से पहले जयप्रकाश नारायण अस्पताल में काम करती थी। जिसके बाद 2016 से वह लगातार कुष्ठ मरीजों के साथ समय व्यतीत कर रही हैं। इनकी मेहनत और लगन की तारीफ इनके अस्पताल के दूसरे कर्मी भी करते हैं।
बोले सिविल सर्जन: सभी नर्सों को इनसे लेनी चाहिए प्रेरणा
गया जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर कमल किशोर राय ने एएनएम मेरी गोरेती सोरेंग के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इनकी तरह ही सभी स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों के प्रति सेवा-भाव रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इनसे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।