Gaya PitruPaksha: पिंडदानियों के आगमन से गुलजार हुआ गया का बाजार, शहर के सभी होटल बुक

पितृपक्ष में गया के व्यवसायियों की गाढ़ी कमाई होती है। भले ही मेला को आयोजन नहीं हुआ पर तीर्थयात्रियों के आगमन में कमी नहीं है। जिससे बाजार गुलजार हो रहा है। सबसे अधिक बाजार होटल टूर एंड ट्रेवल्स वर्तन कपड़ा पूजन सामग्री आदि का है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 09:34 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 09:34 AM (IST)
Gaya PitruPaksha: पिंडदानियों के आगमन से गुलजार हुआ गया का बाजार, शहर के सभी होटल बुक
पिंडदानियों के आगमन से बर्तन बाजार की बढ़ी चमक, जागरण फोटो।

गया, जागरण संवाददाता। गया एक धार्मिक एवं पौराणिक शहर है। जहां अपने पितरों की मोक्ष के लिए तीर्थयात्री गया आते है। जबकि पितृपक्ष में काफी संख्या में पिंडदानी गया में आते है। एक, तीन, सात, 15 एवं 17 दिनों के कर्मकांड कर अपने पितरों के मोक्ष दिलाते है।

पितृपक्ष का इंतजार गयापाल पुरोहित से लेकर व्यवसाय से जुड़े लोग भी करते है। क्योंकि पितृपक्ष में गाढ़ी कमाई होते है। पितृपक्ष प्रारंभ होते ही इससे जुडे लोगों के चेहरे पर चमक दिखने लगा है। जबकि पिछले साल मेला का आयोजन नहीं हुआ था। जिसके कारण व्यवसायियों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है। भले ही मेला को आयोजन नहीं हुआ, पर तीर्थयात्रियों के आगमन में कमी नहीं है। जिससे बाजार गुलजार हो रहा है। सबसे अधिक बाजार होटल, टूर एंड ट्रेवल्स, वर्तन, कपड़ा, पूजन सामग्री आदि का है।

शहर में स्थित लगभग सभी होटल एक पखवारे के लिए बुक है। होटल एसोसिएशन के संरक्षक अनिल कुमार ने कहा कि पितृपक्ष में उम्मीद से अधिक बाजार है। जिससे होटल संचालकों की कमाई अच्छी हो रही है। गया शहर से लेकर बोधगया तक  सभी होटल एक पखवारे तक बुक है। पिछले साल पितृपक्ष का आयोजन नहीं होने से होटल कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया था। लेकिन इस पितृपक्ष का आयोजन के कारण होटल व्यवसाय फिर से पटरी पर लौटने लगा है।

वहीं टूर एंड ट्रेवल्स के संचालक पंकज कुमार ने कहा कि पितृपक्ष में टूर एंड ट्रेवल्स का बाजार खूब हो रहा है। वाहनों का बुकिंग प्रत्येक दिन हो रही है। ङ्क्षपडदानी संख्या के अनुसार वाहन का बुङ्क्षकग करते है। उन्होंने कहा कि पितृपक्ष का इंतजार एक साल से किया जाता है। पिछले साल पितृपक्ष का आयोजन नहीं होने से टूर एंड ट्रेवल्स का बाजार पूरी तरह से चौपट हो गया था। लेकिन इस पितृपक्ष में बाजार गुलजार हो रहा है।

पितृपक्ष में बर्तन में चमक बढ़ गयी है। बर्तन विक्रेता सुनील कुमार कहते है कि पितृपक्ष में बर्तन का बिक्री अच्छी हो रही है। ङ्क्षपडदान जरूरत के अनुसार बर्तन का खरीदारी कर रहे है। पितृपक्ष में सबसे अधिक पीतल, कासा एवं तांबा बर्तन का बिक्री अच्छी हो रही है। दो-तीनों दिनों में बाजार में और रौनक बढऩे की उम्मीद है।

पिंडदानियों के आने से बाजार गुलजार हो रहा है। उम्मीद है कि पितृपक्ष में बाजार अच्छी होगी। जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। क्योंकि 2020 में पितृपक्ष का आयोजन नहीं होने से बाजार पूरी तरह से चौपट हो गया था।

संजय भारद्धाज, अध्यक्ष सेंट्रल बिहार चैंबर आफ कामर्स

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