गया पंचायत चुनाव 2021: नक्सल इलाके में पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासन की कड़ी तैयारी, 24 नवंबर को होनी है वोटिंग

गया में पंचायत चुनाव के आठवें चरण के लिए 24 नवंबर को वोटिंग होनी है। नक्सल प्रभावित प्रखंड डुमरिया व इमामगंज में मतदान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। डुमरिया में नक्सलियों ने 14 नवंबर को चार लोगों की हत्या भी कर दी थी।

By Rahul KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 10:25 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 10:25 AM (IST)
गया पंचायत चुनाव 2021: नक्सल इलाके में पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासन की कड़ी तैयारी, 24 नवंबर को होनी है वोटिंग
गया के नक्सली इलाके में पंचायत चुनाव को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था। सांकेतिक तस्वीर

शेरघाटी( गया),संवाद सहयोगी। अनुमंडल के उग्रवाद प्रभावित प्रखंड डुमरिया व इमामगंज में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 24 नवंबर को मतदान होने वाला है। स्वच्छ, निष्पक्ष एवं निर्भीक तरीके से मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, इसके लिए जिला प्रशासन मुस्तैद है। लेकिन क्षेत्र में कभी समानांतर सरकार चलाने वाले माओवादी नक्सली संगठन की उपस्थिति ने चुनाव को चुनौती बना दिया है। प्रशासन के समक्ष जहां निर्भीक होकर मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचाने की चुनौती है, वहीं नक्सलियों से भी दो दो हाथ करने को तैयार हैं।

जिला प्रशासन द्वारा इमामगंज एवं डुमरिया के नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों को स्थिति की गंभीरता को देखते हुए समय परिवर्तन किया गया है। ऐसे लगभग दो दर्जन मतदान केंद्र हैं जहां के मतदाताओं को नजदीकी मतदान केंद्र में शिफ्ट कर दिया गया है। मतदान केंद्र को शिफ्ट किए जाने के बाद सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था भी की गई है। इमामगंज के नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस गश्त करना शुरू कर दी है। इसी प्रकार डुमरिया की उग्र प्रभावित पंचायतों के मतदान केंद्रों को भी शिफ्ट करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

उल्लेखनीय हो कि डुमरिया के मोनबार गांव में 14 नवंबर की रात्रि नक्सलियों के मारक दस्ते द्वारा पुलिस की मुखबिरी एवं चार नक्सली को जहर देकर हत्या करने के आरोप में चार ग्रामीणों को फांसी पर लटका कर माओवादियों ने हत्या कर अपने इरादे को स्पष्ट कर दिया है। 

डुमरिया एवं इमामगंज प्रखंड के नक्सली क्षेत्र में रहने वाले मतदाताओं में नक्सली खौफ की काली छाया मंडरा रही है। एक दशक बाद मतदाता फिर से भयभीत हैं। नक्सलियों के उपस्थिति से पूर्व का ²श्य उनके समक्ष स्मरण हो रहा है। साथ ही मतदान करने का समय भी प्रशासन द्वारा कम कर दिया गया है। ऐसे में मतदान का प्रतिशत कम होने की भी संभावना बनने लगी है।

कलस्टर सेंटरों पर रखी जा रही खास निगरानी 

प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि चुनाव कर्मियों के लिए निर्धारित कलस्टर सेंटरों की निगरानी तेज कर दी गई है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस के द्वारा लगातार अभियान चलाकर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए गश्त की जा रही है। नक्सलियों के मंसूबे को चकनाचूर करने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकस दिख रही है। बावजूद इसके नक्सलियों के घात प्रतिघात से इन्कार नहीं किया जा सकता है। 

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