Gaya News: पांच माह में फल देता है रेड लेडी पपीता, मानपुर कृषि विज्ञान केंद्र में तैयार हो रहे एक हजार पौधे

कृषि विज्ञानियों का कहना है कि रेड लेडी पपीता लगाने के बाद फल देने की गारंटी रहती है। यह पांच माह में फल देना शुरू कर देता। एक पौधा में 20 से 25 किलो पपीता निकलेगा। यह खाने में काफी स्वादिष्ट होता है। शहरों में इसकी खूब मांग रहती है।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Mon, 13 Sep 2021 09:11 AM (IST) Updated:Mon, 13 Sep 2021 09:11 AM (IST)
Gaya News: पांच माह में फल देता है रेड लेडी पपीता, मानपुर कृषि विज्ञान केंद्र में तैयार हो रहे एक हजार पौधे
रेड लेडी पपीता की तस्‍वीर, सांकेतिक ।

मानपुर (गया), जागरण संवाददाता। बिहार में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। रबी और खरीफ फसलों के अलावा किसानों को फलदार पौधे लगाने के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, जिससे उनकी आय दोगुनी हो सके। इसी क्रम में मानपुर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा रेड लेडी पपीता की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस केंद्र में रेड लेडी पपीता का एक हजार पौधा तैयार किया जा रहा है। एक पखवारे में पौधा तैयार हो जाएगा। ये पौधे किसानों को प्रशिक्षण देने के बाद उन्‍हें खेतों में लगाने के लिए दिया जाएगा।

पांच माह में फल देने लगेगा पपीता

कृषि विज्ञानियों का कहना है कि रेड लेडी पपीता लगाने के बाद फल देने की गारंटी रहती है। यह पांच माह में फल देना शुरू कर देता। एक पौधा में 20 से 25 किलो पपीता निकलेगा। जो खाने में काफी स्वादिष्ट होता है। इस पपीता को जो एक बार खाएगा, उसका स्‍वाद भूल नहीं पाएगा। स्थानीय बाजार में इसकी खूब बिक्री होती है। बड़े-बड़े शहरों में भी इसकी मांग काफी है। रेड लेडी पपीता उत्पादन करने वालों को बिक्री के लिए सोचना नहीं पड़ेगा। उनके पास व्यापारी आकर पपीता ले जाएगें।

प्रशिक्षण के बाद मिलेगा पौधा

रेड लेडी पपीता उत्पादन करने वाले किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र मानपुर में प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां रेड लेडी पपीता के पौधे की खेती, उसे लगाने के तरीके, सिंचाई, बाजार आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। जैविक और रासायनिक खाद का प्रयोग कब और कितनी मात्रा में करना है, इसकी भी जानकारी दी जाएगी।

क्या कहते वैज्ञानिक

कृषि वैज्ञानिक डा देवेंद्र मंडल का कहना है कि रेड लेडी पपीता विभिन्‍न उन्‍नत किस्‍मों में से एक है। इससे किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं। इसकी खेती का गुर सिखाने के बाद ही किसानों को पपीता का पौधा दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र से संपर्क करना होगा।

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