गया न्‍यूज: 40 लाख की नौकरी छोड़ पांच मुनि दीक्षार्थी बन रहे 'जैन मुनि', बिनौली यात्रा का हुआ आयोजन

ब्रहृाचर्य का पालन कर जैनेश्वरी दीक्षा के लिए वैराग्य के पथ पर जा रहे आर्यावर्त की पावन भूमि पर जन्मे पांच भाइयों की दीक्षा से 14 दिन पूर्व रमना रोड स्थित जिनालय में सकल दिगंबर जैन समाज की ओर से बिनौली यात्रा सह गोद भराई समारोह आयोजित किया गया।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 11:42 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 11:42 AM (IST)
गया न्‍यूज: 40 लाख की नौकरी छोड़ पांच मुनि दीक्षार्थी बन रहे 'जैन मुनि', बिनौली यात्रा का हुआ आयोजन
जैन धर्मशाला से निकली शोभा यात्रा में शामिल जैन महिलाएं। जागरण।

जागरण संवाददाता, गया। ब्रहृाचर्य का पालन कर जैनेश्वरी दीक्षा के लिए वैराग्य के पथ पर जा रहे आर्यावर्त की पावन भूमि पर जन्मे पांच भाइयों की दीक्षा से 14 दिन पूर्व रमना रोड स्थित जिनालय में सकल दिगंबर जैन समाज की ओर से बिनौली यात्रा सह गोद भराई समारोह आयोजित किया गया। इसमें जैन समाज के पुरुषों व महिलाओं ने भावुकता के साथ नम आंखों से पांच मुनि दीक्षार्थियों की बिनौली यात्रा में शामिल हो गोद भराई की रस्म अदा की। कई वर्षों से ब्रहृाचर्य का पालन कर रहे मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के 19 वर्षीय ब्रहृाचारी स्वागत भैया, पन्ना जिले से बृजेश भैया, भोपाल के संजय भैया, भिंड से अंकुश भैया और दिल्ली के रहने वाले कंप्यूटर इंजीनियर अविरल भैया 14 नवंबर को महातीर्थ सम्मेद शिखरजी में आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी से ज्ञानेश्वरी दीक्षा प्राप्त कर जीवन को मुख्य मार्ग की ओर लगाएंगे।

इनकी मुनि दीक्षा होने के बाद आचार्य श्री द्वारा इन्हें नया नाम दिया जाएगा। इसके बाद वे घर, परिवार और सांसारिक मोह-माया के बंधन से मुक्त हो आचार्य श्री के चरणों में रहेंगे। सम्मेद शिखर जाने के दौरान पांचों भाइयों का जत्था शहर में पहुंचा। जहां जैन समाज के लोगों ने श्रद्धाभाव से बग्घी में विराजमान करा बैंड बाजा और दिव्यघोष की धुन पर जैन मंदिर से शहर में बिनौली यात्रा निकाली। यात्रा कई मार्गो से होते हुए पुन: जैन मंदिर पहुंची। जैन धर्मावलंबियों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा से सुसज्जित हो यात्रा में सम्मिलित होकर जयकारे लगाए। जिनालय में सभी पांचों भाइयों की गोद भराई की रस्म अदायगी शुरू हुई। जैन समाज के लोगों ने आत्मीयता के साथ सूखे मेवे और नारियल भेंटकर गोद भराई की।

आइआइटीयन बने जैन मुनि

कार्यक्रम का संचालन कर रहे ब्रहृाचारी पीयूष भैया ने बताया कि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के संधस्थ उच्च शिक्षित और संपन्न परिवार है। दिल्ली के रहने वाले अविरल भैया बेंगलुरु में कंप्यूटर इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। चार साल तक नौकरी के बाद वे 40 लाख का पैकेज छोड़कर जैन मुनि बने। इस मौके पर जैन समाज के अध्यक्ष पवन अजमेरा, उपाध्यक्ष सत्येंद्र अजमेरा, मंत्री मधुकांत काला, मीडिया प्रभारी मुन्ना सरकार जैन, संजय विनायक, अमूल्य अजमेरा आदि मौजूद थे।

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