बेसहारा पशुओं को सहारा देगी भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद, गया में विहिप नेता ने बताई योजना

उन्होंने कहा कि गो हत्या बंद होनी चाहिए। सरकार को गोहत्या को लेकर कानून बनाकर पालन करने की जरूरत है। तभी देश में गोहत्या बंद होगा। कानून बनाने को लेकर संगठन आंदोलन करेगी। क्योंकि देशी गाय पालन करने से कई फायदा है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 09:59 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 09:59 AM (IST)
बेसहारा पशुओं को सहारा देगी भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद, गया में विहिप नेता ने बताई योजना
गया में बेसहारा पशुओं को सहारा देने के लिए होगा काम। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गया, जागरण संवाददाता। Gaya News: बेसहारा पशुओं को सहारा देने का काम भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद कर रही है। संगठन का लक्ष्य घर-घर गाय पालन और गोशाला का निर्माण करना है, जिससे गोरक्षा किया जा सके। उक्त बातें रविवार को विश्व हिंदू परिषद केंद्रीय मंत्री सह भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री खेमचंद शर्मा ने पंजाबी धर्मशाला में प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि गोरक्षा को लेकर उत्तर व दक्षिण बिहार का प्रांतीय प्रशिक्षण गया में सम्पन्न हुआ है। इसमें गोरक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद 1962 से गोरक्षा का काम कर रही है। सड़क पर विचरण करने वाले बेसहारा पशु जो कचरा खाकर पेट भर रहे हैं, उनके लिए संगठन चारा और पानी की व्यवस्था कर रही है।

उन्होंने कहा कि गो हत्या बंद होनी चाहिए। सरकार को गोहत्या को लेकर कानून बनाकर पालन करने की जरूरत है। तभी देश में गोहत्या बंद होगा। कानून बनाने को लेकर संगठन आंदोलन करेगी। क्योंकि देशी गाय पालन करने से कई फायदा है। रसायनिक उर्वरक खेतों में डालने से बंजर हो रहा है। जबकि गाय का गोबर खेतों में डालने से उपज दुगनी के साथ किसानों की आय बढ़ सकती है। देश में स्वास्थ्य बड़ी समस्या बनती जा रही है। स्वास्थ्य रहने के एक ही उपाय है कि गोमूत्र का सेवन करें। इससे कैंसर जैसा बीमारी भी ठीक हो सकती है।

उन्होंने कहा कि देश में गोष्टमी के दिन 15 सौ केंद्रों पर गो-रक्षा को लेकर प्रशिक्षण देने की कार्ययोजना तैयार की गई है। सभी केंद्रों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। गोबर से खेती करने पर बल दिया जाएगा। संगठन का एक ही उद्देश्य है गाय को बचाना। मौके पर विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष सह श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य कामेश्वर चौपाल, गोरक्षा क्षेत्र प्रमुख त्रिलोकीनाथ बागी, स्वामी संतोषानंद महाराज, स्वामी हरिनारायण गिरि, शशांक शेखर आदि मौजूद थे।

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