Gaya News: राष्ट्रस्तरीय मुटकोर्ट प्रतियोगिता में सीयूएसबी की टीम सेकंड रनरअप
राष्ट्रस्तरीय मुटकोर्ट प्रतियोगिताओं में अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखते हुए दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस के विद्यार्थियों ने एक प्रतियोगिता में टॉप तीन में जगह बनाई है। आइसीएफएआइ यूनिवर्सिटी देहरादून ने आनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया।
टिकारी (गया), संवाद सहयोगी। राष्ट्रस्तरीय मुटकोर्ट प्रतियोगिताओं में अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखते हुए दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के स्कूल ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस के विद्यार्थियों ने एक प्रतियोगिता में टॉप तीन में जगह बनाई है। लॉ विभाग के विद्यार्थियों की टीम आईसीएफएआई यूनिवर्सिटी देहरादून द्वारा आयोजित प्रथम एनजे यशस्वी वर्चुअल राष्ट्रीय पर्यावरण कानून मूट कोर्ट प्रतियोगिता में दूसरे रनर अप रहे। सीयूएसबी की टीम में क्रमशः रश्मि सिन्हा, सुधांशु साचन एवं शशांक शेखर शामिल थे और उन्हें नकद पुरस्कार राशि के साथ अन्य पुरस्कार दिए गए।
सफल विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह एवं कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह ने विभाग के प्राध्यापकों की इस उपलब्धि के लिए सराहना की है। विभाग के विद्यार्थियों की उपलब्धि पर डीन एवं अध्यक्ष प्रोफेसर पवन कुमार मिश्रा के साथ मूट कोर्ट के समन्वयक प्रोफेसर संजय श्रीवास्तव, डॉ प्रदीप कुमर दास, पूनम कुमारी, डॉ देव नारायण सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह, डॉ अनंत नारायण, डॉ पल्लवी सिंह, मणि प्रताप और डॉ कुमारी नीतु ने उनकी प्रशंसा की है।
प्रतियोगिता के सम्बन्ध में विभाग के अध्यक्ष प्रो० पवन कुमार मिश्रा और जन सम्पर्क पदाधिकारी माे मुदस्सीर आलम ने बताया किने बताया कि विजेता टीम को 5000 रुपए की राशि दी गई है और उन्हें प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता में स्कूल के सभी छात्र एक के बाद एक अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। मणि प्रताप, सहायक ने बताया कि विजेता टीम को पुरस्कार के तौर पर 3 महीने की मनुपात्र की सदस्यता, लॉ स्किल्स पर पर्यावरण पाठ्यक्रम के साथ-साथ डिप्टी एडवोकेट जनरल मनोज गोरकेला (अधिवक्ता उच्चतम न्यायालय) के चैम्बर में इंटर्नशिप का अवसर भी मिलेगा। तीनों छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय प्रो. पवन कुमार मिश्रा एवं प्रो. संजय कुमार श्रीवास्तव, फैकल्टी कोऑर्डिनेटर, मूट कोर्ट सोसाइटी को दिया है। जिन्होंने लगातार उनका मार्गदर्शन एवं समर्थन किया है।