Gaya News: ओमिक्रोन से निपटने को एमसीएच भवन में 121 बेड तैयार; ऑक्‍सीजन भी उपलब्‍ध

कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के संभावित चुनौतियों से निपटने को लेकर मगध मेडिकल अस्पताल में तैयारियां तेज हो गई है। कोरोना की बीते दो लहर के अनुभव के आधार पर अस्पताल प्रबंधन सभी तैयारियों में जुटा है।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 04:13 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 04:13 PM (IST)
Gaya News: ओमिक्रोन से निपटने को एमसीएच भवन में 121 बेड तैयार; ऑक्‍सीजन भी उपलब्‍ध
ओमिक्रोन को लेकर गया में मेडिकल की तैयारियां पूरी। सांकेतिक तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, गया। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के संभावित चुनौतियों से निपटने को लेकर मगध मेडिकल अस्पताल में तैयारियां तेज हो गई है। कोरोना की बीते दो लहर के अनुभव के आधार पर अस्पताल प्रबंधन सभी तैयारियों में जुटा है। भर्ती होने वाले मरीजों के लिए बेड, आक्सीजन, आईसीयू, वेंटीलेटर से लेकर जरूरी दवाईयां हर चीज को परखा जा रहा है। इसी कड़ी में अस्पताल अधीक्षक डा. प्रदीप अग्रवाल, मेडिसिन डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डा. प्रमोद सिन्हा, कोविड-19 के नोडल अफसर डा. एनके पासवान व दूसरे चिकित्सकों ने अस्पताल के एमसीएच भवन में पहुंचकर वहां की तैयारियों को देखा। इस भवन में तीन फ्लोर हैं।

पिछली बार की लहर में सभी फ्लोर की बेड संक्रमित मरीजों से फूल हो गई थीं। जिसके बाद बेड व आक्सीजन की किल्लत हुई थी। लिहाजा इन सभी को लेकर अभी से सबकुछ देखा जा रहा है। अभी एमसीएच वार्ड के तीनों फ्लोर को मिलाकर कोविड के मरीजों के लिए 121 बेड तैयार किए गए हैं। इसके ग्राउंड फ्लोर में फ्लू काउंटर बनाया गया है। डाक्टरों की सूची अपडेट कर ली गई है। अच्छी बात यह है कि अभी मेडिकल अस्पताल में कोरोना के एक भी मरीज भर्ती नहीं हैं। जिले में अभी एक्टिव केस मात्र एक है।

एमसीएच भवन को दो जोन में बांटा गया

कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज को ध्यान में रखकर पूरे एमसीएच भवन को दो जोन में बांटा गया है। संदिग्ध जोन व कंफर्म मरीज जोन। इन दोनों तरह के मरीजों को भर्ती रखने के लिए अलग-अलग वार्ड बनाए गए हैं। एमसीएच के हरेक फ्लोर पर आईसीयू की सुविधा बहाल रखी गई है। ताकि इमरजेंसी में कोई परेशानी नहीं हो। भागदौड़ की नौबत नहीं आए। कंफर्म मरीज को तब तक भर्ती रखा जाएगा जब तक की उस मरीज की रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती।

तीन आक्सीजन प्लांट काम कर रहा

कोरोना की दूसरी लहर में सबसे अधिक परेशानी आक्सीजन को लेकर हुई थी। कईयों ने इसकी कमी से दम तोड़ दिया था। इस बार मेडिकल काफी हद तक आत्मनिर्भर दिख रहा है। फिलहाल यहां अलग-अलग क्षमता के तीन आक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं। इनमें एक क्रायोजेनिक प्लांट भी संचालित है। इसका उदघाटन हाल ही में हुआ है।

एमसीएच भवन में ओमिक्रोन/कोविड मरीजों के लिए बेड की स्थिति

पहला तल्ला-आक्सीजन युक्त-28 बेड

बगैर आक्सीजन-06 बेड

पहला तल्ला-आक्सीजन युक्त-32 बेड

बगैर आक्सीजन-00 बेड

तीसरा तल्ला- आक्सीजन युक्त-29 बेड

बगैर आक्सीजन-26 बेड

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