Gaya Dusshera: गया के कॉटन मिल में देर शाम तक गरबा की धुन पर महिलाओं व युवतियों ने बाँधा समां
इस नवरात्र लोग जगह-जगह बने पूजा पंडालों में पहुंचकर देवी के दर्शन कर रहे हैं। इस बीच जगह-जगह डांडिया का भी आयोजन हो रहा है। शहर के बालाजी नगर काटन मिल के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के बैनर तले डांडिया महोत्सव का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता,गया : नवरात्र पर हर तरफ भक्ति और उल्लास है। देवी दुर्गा की उपासना हो रही है। लोग जगह-जगह बने पूजा पंडालों में पहुंचकर देवी के दर्शन कर रहे हैं। इस बीच जगह-जगह डांडिया का भी आयोजन हो रहा है। शहर के बालाजी नगर, कॉटन मिल में डांडिया महोत्सव का आयोजन किया गया। महिलाओं, युवतियों ने कार्यक्रम में डांडिया नृत्य किया। देवी मां के भक्ति गीतों पर लोगों ने भावपूर्ण नृत्य किया। वार्ड चार की पार्षद संगीता चंद्रा मुख्य अतिथि के रूप में सम्मलित हुईं। कार्यक्रम की संयोजिका पूजा शेखर ने मां की पूजा अर्चना कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। गरबा की धुन पर सभी लोग नृत्य कर आनंदित हुए।
नवरात्र में मां को प्रसन्न करने के उपायों में से नृत्य भी एक माध्यम
कार्यक्रम की संयोजिका पूजा शेखर ने मां दुर्गा की पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की। उन्होंने कहा कि नवरात्र में मां को प्रसन्न करने के उपायों में से नृत्य भी एक माध्यम है। नृत्य को भी साधना का मार्ग बताया गया है। ऐसे आयोजनों से समाज में सामाजिक समरसता, एकता एवं सदभावना का संदेश जाता है। राष्ट्र की एकता एवं अखंडता मजबूत होती है। कार्यक्रम में पूजा शर्मा, निशु, स्वाती, छोटी, प्रिती नंदा, गीता शर्मा, डेजी शर्मा, सेजल, शिखा, हन्नी के अलावे बड़ी संख्या में महिलाएं एवं युवतियां शामिल हुईं।
मातृशक्ति आराधना-सह-डांडिया नृत्य समारोह का आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के बैनर तले युवतियों के स्वास्थ्य, समृद्धि, सुरक्षा और स्वाबलंबन के हित में कार्यरत परिषद की सहयोगी शाखा 'ओजस्विनी' द्वारा जिलाध्यक्षा डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी के नेतृत्व में मातृशक्ति आराधना-सह-डांडिया नृत्य समारोह का आयोजन किया गया। विष्णुपद मंदिर के समीप अवस्थित आनंदी भवन में कार्यक्रम का शुभारंभ देवी नवदुर्गा के छायाचित्र पर पुष्पांजलि तथा माल्यार्पण के साथ हुआ। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद तथा ओजस्विनी के सदस्यों ने सम्मिलित रूप से देवी की आराधना तथा आरती की। शस्त्र पूजन करके मां कालरात्रि की वंदना की गई। संपूर्ण समारोह स्थल अंबे तू है जगदंबे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गाये भारती, मैया हम सब उतारें तेरी आरती की पावन धुन से गूंज उठा।