Rohtas: इनके घर की छत से लेकर सीढ़‍ियों तक छायी रहती है हरियाली, देखकर कह उठेंगे, वाह

रोहतास के सेवानिवृत कृषि विभाग के कर्मी ज्ञानशंकर सिंह ने अपने घर को पूरी तरह गार्डेन बना रखा है। इनके घर की छत से लेकर सीढ़ी तक पर फूल फल औषधीय पौधों के गमले सजे हैं। इन्‍हें देखकर लोग इनकी सराहना करने को मजबूर हो जाते हैं।

By Vyas ChandraEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 10:55 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 10:55 AM (IST)
Rohtas: इनके घर की छत से लेकर सीढ़‍ियों तक छायी रहती है हरियाली, देखकर कह उठेंगे, वाह
अपनी अनोखी बगिया मे ज्ञानशंकर सिंह। जागरण

सासाराम (रोहतास), जागरण संवाददाता। कोरोना ने लोगों को संजीदगी व सावधानी के साथ जीना भी सिखा दिया है। महामारी ने यह बता दिया है कि सावधानी व संयम से बड़ा कोई बचाव नहीं है। सासाराम में सिविल लाइंस के सेवानिवृत्त कर्मी ज्ञान शंकर सिंह ने अपने घर की बैठकी से लेकर गैलरी तक में पौधे लगा रखे हैं। इसका फायदा उन्हें दो बार के कोरोना काल में भी मिला। इनके लगाए गए लगभग सात सौ औषधीय और अन्य पौधों (Medicinal and other plants) ने घर प्रचुर ऑक्सीजन से युक्त रखा। इससे महामारी के दोनों ही समय यहां कोरोना की नो एंट्री रही। इनकी बागवानी में कई प्रकार के औषधीय पौधे जैसे हरसिंगार, तीन तरह का गोल्डचीन, फाइकस, एडेनियम, गोल्डमोहर, बसंत बहार, रुक्मणी, मुसंडा, नाग चंपा, गिलोय, शतावर, सफेद मुसली, अश्वगंधा, आंवला, अनेक प्रकार की तुलसी, निम्बू, हर्रे, बहेरा आदि लगाया है।

कृषि विभाग से सेवानिवृत्‍त होने के बाद लगे पौधों की सेवा में

ज्ञान सिंह रांची में कृषि विभाग के सुपरवाइजर पद से रिटायर होने के बाद दिन भर इन पौधों की सेवा में अपना समय बीताते हैं।नियमित रूप से सुबह दो घंटे और शाम को भी दो घंटे इन पौधों की देखभाल करते हैं। इनके घर में प्रवेश करते ही आगन्तुकों को हरियाली ही दिखाई देती है। छत पर और घर के पिछले हिस्से में सब्जी तथा आम,अमरूद भी लगाये हैं। इनका घर में इस्तेमाल करते हैं।इ ससे इन्हें ऑर्गेनिक ताजी सब्जियां और जरूरत भर फल भी मिल जाते हैं।

घर की सीढ़ी से लेकर छत तक में लगे हैं पौधे

इनकी घर का छत भी पूरी तरह से पौधों से भरा हुआ है। उन्होंने पौधों को सीढ़ियों पर भी लगा रखा है। इसके अलावा, उनके घर में कई हैगिंग पॉट्स भी हैं। इनमें डालने के लिए जैविक खाद भी घर पर ही तैयार करते हैं। किसी भी प्रकार की कोई अंग्रेजी दवाई पौधों में नहीं डालते हैं।वे बताते हैं कि वे समय समय पर बागवानी के लिए लोगों को प्रेरित भी करते रहते हैं। त‍ाकि प्रदूषण तथा उससे होने वाली बीमारियों के रोकथाम में योगदान दिया जा सके।अगर लोग सार्वजनिक जगहों पर पौधारोपण नहीं करते हैं तो अपने घर दालान में भी पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण को शुद्ध रखने में सहयोग कर सकते हैं।

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