भगवान श्रीराम पर विवादित बयानबाजी कराने को लेकर नवादा में फूंका पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का पुतला

सनातन विश्व गुरु प्रभु श्रीराम पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी के खिलाफ समाजसेवियों ने गुरुवार को विरोध जताया। साथ ही प्रजातंत्र चौक पर पूर्व सीएम का पुतला जलाया। इसके बाद शहर में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:23 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:23 AM (IST)
भगवान श्रीराम पर विवादित बयानबाजी कराने को लेकर नवादा में फूंका पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का पुतला
पूर्व सीएम जीतनराम मांझी का पुतला फूंकते लोग। जागरण।

जागरण संवाददाता, नवादा। सनातन विश्व गुरु प्रभु श्रीराम पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी के खिलाफ समाजसेवियों ने गुरुवार को विरोध जताया। साथ ही प्रजातंत्र चौक पर पूर्व सीएम का पुतला जलाया। इसके बाद शहर में रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का नेतृत्व समाजसेवी मनीष कुमार सिन्हा ने की। शहर के न्यू एरिया स्थित यमुना पथ से रैली निकाली गई। रैली में शामिल कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर का भ्रमण करते हुए प्रजातंत्र चौक पहुंचे। पूर्व सीएम के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही पूर्व सीएम द्वारा सनातन विश्व गुरु प्रभु श्रीराम पर किए गए टिप्प्णी पर गिरफ्तार करने एवं गठबंधन से निकालने की सरकार से मांग की गई। मौके पर पूर्व वार्ड पार्षद विनोद कुमार चुन्नू, राजेश कुमार, रवि शंकर कुमार, रंजन कुमार, मनीष रंजन, विपिन कुमार, छोटे जी,उमेश कुमार, रामशरण उर्फ छोटू जी, अतुल कुमार, पिंटू कुमार समेत दर्जनों लोग शामिल  थे।

मालूम हो कि भगवान श्रीराम को लेकर पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी ने एक न्‍यूज चैनल पर कहा था कि रामायण काल्‍पनिक है। मैं राम को नहीं मानता। इस पर भाजपा समेत अन्‍य दलाें ने भी विरोध जताया था। राजद ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी श्रीराम के नाम पर वोट बटोरती है। भाजपा और जदयू को समर्थन देने वाले हम (हिंदुस्‍तानी आवामी मोर्चा) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जीतनराम मांझी ने श्रीराम पर अभद्र टिप्‍पणी की, लेकिन समर्थक दल उनपर कार्रवाई नहीं करेगा, क्‍योंकि उन्‍हें सत्ता का लालच है। भाजपा को सत्ता से मोह है न कि राम से।

वहीं, कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि जीतनराम मांझी को मंदिर में आते-जाते दिखते। ऐसे में ये तो नहीं कहा जा सकता कि वे नास्तिक हैं। मगर एक सनातनी हिंदू राम को नहीं माने, ऐसा संभव नहीं है। इसका मतलब है कि जीतनराम मांझी 'नकली हिंदू' हैं। हम के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता दानिश रिजवान ने इसका विरोध किया और उन्‍होंने कांग्रेस के प्रवक्‍ता को कहा कि जीतनराम मांझी, राहुल गांधी की तरह हर बार अपना धर्म नहीं बदलते।

बहस के बीच जीतनराम मांझी ने एक बार फिर बयान देकर लोगों को चौंका दिया। उन्‍होंने क‍हा कि मैं अपने पहले बयान (राम को नहीं मानता) पर कायम हूं। ये मेरी व्‍यक्तिगत सोच है। मैं ऐसा सोचने या मानने के लिए किसी को बाध्‍य नहीं करता। सबकी अपनी आस्‍था है।

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