गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए उचित प्रशिक्षण आवश्यक
फोटो- 71 जागरण संवाददाता बोधगया
गया । उच्च गुणवत्ता के अनुसंधान को सक्षम बनाने के लिए अनुसंधान पद्धति में उचित प्रशिक्षण का समय है। आज प्रासंगिक अवसर युवा विद्वानों द्वारा खोजे जाने चाहिए। सूचना प्रौद्योगिकी ने आपको प्रासंगिक डेटा एकत्र करने के अवसर दिए हैं, लेकिन यह अनुसंधान में कॉपी पेस्ट का आधार नहीं बनना चाहिए। अनुसंधान से परे ज्ञान और शोध से परे ज्ञान आपको एक उचित शोध डिजाइन तय करने में सक्षम बनाता है, जो उचित संग्रह, विश्लेषण और व्याख्या प्रदान करेगा।
उक्त बातें सोमवार को मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेन्द्र प्रसाद ने स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग, मविवि और भारतीय लेखा संघ, पटना शाखा के संयुक्त तत्वाव्धान से आयोजित अनुसंधान पद्धति पर सात दिवसीय राष्ट्रीय ऑनलाइन कार्यशाला का उद्घाटन की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि महात्मा गाधी ने एक बार कहा था कि अनुसंधान को भगवान के प्रसाद के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। गुणवत्तापूर्ण शोध के लिए उचित प्रशिक्षण आवश्यक है। यह कार्यशाला नि:संदेह प्रतिभागियों को आवश्यक ज्ञान प्रदान करेगा जो शोधकर्ताओं की दुविधाओं को दूर करेगा और सूचित शोधकर्ताओं के एक समूह तैयार करेगा। मुख्य अतिथि प्रो. ओपी. राय थे। आयोजन सचिव डॉ. धरेन कुमार पाडेय ने सत्र में उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यशाला की विषयवस्तु का परिचय दिया। इसके बाद, कार्यशाला अध्यक्ष सह विभागाध्यक्ष प्रो. जीएन शर्मा ने संबोधित किया। कार्यशाला के सत्र का समापन विनीता कुमारी के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।