Corona से मुक्ति को गया के लोगों ने की प्रार्थना, फल-फूल और दीप जला खुश किया भगवान विष्णु और बुद्ध को

हिंदी माह जेठ की पूर्णिमा तिथि अध्यात्म की दृष्टिकोण से अच्छा माना जाता है। इस तिथि को लेकर गया और बोधगया में गुरुवार की शाम कोरोना से मुक्ति के लिए भगवत प्रार्थना की गई। गया में फल्गु तट पर पंडितों द्वारा फल्गु आरती का आयोजन हुआ।

By Prashant KumarEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 09:43 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 09:12 PM (IST)
Corona से मुक्ति को गया के लोगों ने की प्रार्थना, फल-फूल और दीप जला खुश किया भगवान विष्णु और बुद्ध को
फल फूल से सजाए गए भगवान विष्‍णु के चरण। जागरण।

गया, जागरण संवाददाता। हिंदी माह जेठ की पूर्णिमा तिथि अध्यात्म की दृष्टिकोण से अच्छा माना जाता है। इस तिथि को लेकर गया और बोधगया में गुरुवार की शाम कोरोना से मुक्ति के लिए भगवत प्रार्थना की गई। गया में फल्गु तट पर पंडितों द्वारा फल्गु आरती का आयोजन हुआ।

यह आयोजन प्रति माह की पूर्णिमा को होता है। जिसमें फल्गु मैया से सुख, शांति और कोरोना से मुक्ति की कामना की गई। इसी दिन विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में श्रीपाद का फल और फूल से शृंगार किया गया। मंदिर का पट बंद रहने के कारण श्रद्धालु इस अलौकिक शृंगार के दर्शन से वंचित रहे। यहां बता दें कि कोरोना काल में सभी मंदिर के पट गयाजी में बंद हैं।

उधर, भगवान बुद्ध की ज्ञान नगरी बोधगया में भी शाम के वक्त बौद्ध भिक्षुओं ने महाबोधि मंदिर के समक्ष कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना की। विभिन्न विदेशी महाविहार के भिक्षु इस कार्यक्रम में शामिल हुए। महाबोधि मंदिर के अग्रभाग में भिक्षुगण जमा होकर दीप जलाए और विश्व को कोरोना से मुक्ति की प्रार्थना की। महाबोधि मंदिर में के बाहर इस तरह की प्रार्थना बौद्ध भिक्षुओं द्वारा मंदिर बंद रहने के कारण किया जाता रहा है।

ऐसा देखा जाता है कि कोरोना की महामारी के दौरान मंदिर के पट बंद रहने के बाद आम श्रद्धालु तो पूजा-पाठ नहीं कर रहे हैं लेकिन लोगों की आस्था भगवान के प्रति बढ़ी है। समय-समय पर इस विकट संकट से उबारने के लिए लोग भगवान को याद कर रहे हैं।

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