लोगों के घरों व दुकानों में घुसा जंगल से आए बाढ़ का पानी

नवादा जंगली क्षेत्र में हुई बारिश से खुरी नदी में आई बाढ़ का पानी बुधवार को धमनी पंचायत के कुम्हरुआ गांव के दर्जन भर घरों व आधा दर्जन दुकानों में घुस गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 11:00 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 11:05 PM (IST)
लोगों के घरों व दुकानों में घुसा जंगल से आए बाढ़ का पानी
लोगों के घरों व दुकानों में घुसा जंगल से आए बाढ़ का पानी

नवादा : जंगली क्षेत्र में हुई बारिश से खुरी नदी में आई बाढ़ का पानी बुधवार को धमनी पंचायत के कुम्हरुआ गांव के दर्जन भर घरों व आधा दर्जन दुकानों में घुस गया। बाढ़ का पानी का जलस्तर लगभग 4 फीट होने के कारण गांव के लोग मुश्किलों में घिर गए। ग्रामीणों ने कभी गांव में इतना पानी नहीं देखा था। जिससे लोग भयग्रस्त हो गए। लोगों के जान पर खतरा मंडराने लगा था।

दोपहर 12 बजे तक लोगों के घरों में चूल्हे भी नहीं जले थे और छोटे-छोटे बच्चे, महिला व पुरुष समेत सैकड़ों लोग भूख से बिलबिलाते रहे। छोटे-छोटे बच्चों वाले घर के लोगों को काफी परेशानियां हुई। दोपहर 12:30 बजे तक बाढ़ का पानी का जलस्तर कम होने के बाद राहत मिलने के आसार दिखे।

गांव के ग्रामीणों दर्जनों महिला-पुरुषों का आरोप है कि गांव से दो-तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित अटवा डैम को गांव के यादव समाज के लोगों रामचंद्र यादव, सकिन्दर यादव, वाल्मीकि यादव समेत दर्जनों लोगों ने जानबूझकर कर काट दिया। जिससे गांव में यह स्थिति उत्पन्न हो गई। ग्रामीणों का कहना था कि आपसी विवाद में गांव के कुछ यादव समाज के लोगों ने नदी किनारे पर दुकान नहीं लगाने देने की धमकी दी थी। दुकान नहीं हटाने पर समय आने पर बता देने की बात कही थी। जैसे ही गांव से दूर अटवा डैम में जंगल में हुई बारिश का पानी भरा लोगों ने मौका पाकर डैम को काट दिया। ग्रामीणों ने बताया कि पहले डैम से पानी धमनी वाली खुरी नदी में जाता था। लेकिन इस बार गांव के यादव समाज के लोगों ने आपसी विवाद में डैम को काटकर पानी का रुख गांव की ओर मोड़ दिया। जिससे गांव में जलप्रलय जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई।

वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना था कि कुम्हरुआ गांव के किनारे पर जो डैम बना है उस में बाढ़ का पानी भर गया था। डैम का वह पानी कुम्हरुआ व गिरगी, डुमरकोल गांव जाने वाले रास्ते में खुरी नदी पर बनी पुलिया के दोनों किनारों से होकर कुम्हरुआ गांव के घरों व दुकानों में घुस गई। ग्रामीणों का आरोप था कि पंचायत के मुखिया द्वारा मनरेगा योजना से खुरी नदी पर 3.70 लाख की लागत से छोटी पुलिया का निर्माण कराया गया था। जिसके कारण बाढ़ का पानी पुलिया के दोनों छोर से होकर गांव में घुस गया। अगर यह पुलिया 5-7 फीट और लंबी होती तो लोगों के घरों में बाढ़ का पानी नहीं जाता और पुलिया के रास्ते होकर वह नदी में चला जाता। लेकिन धमनी मुखिया धीरज कुमार की लापरवाही से गांव के लोगों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है और लोगों के घरों में पानी घुस गए हैं। जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है।

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