तकनीकी जानकारी के अभाव में शो पीस बने पांच वेंटीलेटर

गया। सदर अस्पताल में पहुंचने के छह माह बाद भी लाइफ सर्पोट कही जाने वाली पांच वेंटीलेटर तक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 05:47 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 05:47 PM (IST)
तकनीकी जानकारी के अभाव में शो पीस बने पांच वेंटीलेटर
तकनीकी जानकारी के अभाव में शो पीस बने पांच वेंटीलेटर

गया। सदर अस्पताल में पहुंचने के छह माह बाद भी लाइफ सर्पोट कही जाने वाली पांच वेंटीलेटर तकनीकी जानकर के अभाव में शो पीस बन कर रह गई है। हालांकि वीसी में वरीय पदाधिकारियों द्वारा वेंटीलेटर के बारे में जब जिला स्तर से प्रशिक्षित व्यक्ति के न होने की जानकारी दी गई तो विभाग निजी क्षेत्रों में कार्य करने वाले टेक्नीशयन से सहयोग लेकर व्यवस्था सु²ढ करने का सुझाव दिया। एसीएमओं सह प्रभारी सीएस डॉ मीना कुमारी ने सच को स्वीकारते हुए एक दो दिन अंदर व्यवस्था को चुस्त बनाने की बात कही। चिकित्सकों के अनुसार बीमार व्यक्ति के फेफड़ा के कार्य न करने की स्थिति में वेंटीलेटर के माध्यम से मरीज की श्वांस संबंधी परेशानी को दूर किया जाता है। कोरोना वायरस सीधे फेफड़ा को ही प्रभावित कर रहा है। ऐसे में उक्त मशीनों के सक्रिय हो जाने से कई लोगों का इलाज करने में चिकित्सकों को सुविधा हो जाती और मरीजों की जान भी बच जाती। उल्लेखनीय है कि आखिर वेंटीलेटर मशीन के सदर अस्पताल में आने की सूचना आमजन को अखबार के माध्यम से देने के बाद स्वास्थ्य विभाग मशीन संचालन की व्यवस्था करने में असफल क्यों रहा। विभाग द्वारा मशीन संचालन के लिए टेक्नीशियन की व्यवस्था क्यों नहीं की गई। यदि यह नहीं हो पाया तो कोरोना की दूसरी लहर के आने से पूर्व निजी क्षेत्र के टेक्नीशियन को बुलाकर किसी स्वास्थ्य विभाग के कर्मी को प्रशिक्षित क्यों नहीं कराया गया। इसके दो ही कारण हो सकते हैं। ऐसा लगता है कि विभाग ने इस कार्य को गंभीरता से नहीं लिया या कोरोना की दूसरी भयावह लहर के प्रति अनजान रहे। वैसे कुल मिलाकर यहां विभागीय लापरवाही ही उजागर हो रही है, जो मानवीय ²ष्टिकोण उचित नहीं प्रतीत हो रहा है। इस मामले में जांच तो आगे पीछे होती रहेगी फिलवक्त वेंटीलीटर मशीन को यथाशीघ्र क्रियाशील कराने की आवश्यकता है।

chat bot
आपका साथी