लागल तेल में आग, पेट की आग बुझाई कइसे

कोरोना काल के बाद से महंगाई बढ़ने का क्रम जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 15 Mar 2021 08:25 AM (IST) Updated:Mon, 15 Mar 2021 08:25 AM (IST)
लागल तेल में आग, पेट की आग बुझाई कइसे
लागल तेल में आग, पेट की आग बुझाई कइसे

गया। कोरोना काल के बाद से महंगाई बढ़ने का क्रम जारी है। सबसे पहले डीजल और पेट्रोल के बढ़े दाम ने खास से लेकर आमलोगों के जीवन को प्रभावित किया है। पेट्रोल 95 रुपये से अधिक तो डीजल भी 90 रुपये के आसपास में पहुंच चुका है। दूसरी तरफ रसोईगैस की कीमत भी काफी अधिक पहुंच चुकी है। वर्तमान समय में 14.2 किलो गैस की कीमत 920 रुपये तक पहुंच चुकी है। दाम अधिक होने के कारण उज्ज्वला की आंच भी धीमी हो चुकी है। एजेंसी संचालकों के अनुसार मात्र 15-25 प्रतिशत तक ही उज्ज्वला योजना के गैस सिलेंडर रिफिल हो रहे हैं। उज्ज्वला योजना के शेष सिलेंडर मात्र घरों की शोभा बढ़ाने के लिए ही हैं। बढ़े हुए दाम से कोई गैस नहीं खरीदना चाहता। गरीब तबके के लोग अब फिर पुरानी पद्धति चूल्हा व लकड़ी पर लौटने लगे हैं। गैस व डीजल - पेट्रोल के बाद अब वाहन के किराया में भी बढ़ोतरी हुई है। वाहन का किराया बढ़ने से आमजनों को यात्रा करना भी भारी पड़ने लगा। पुराने किराये पर 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। जिसका असर सीधे लोगों की जेब पर पड़ेगा। सरसों के तेल में भी बढ़ोतरी -

बढ़ती महंगाई के बीच अब सरसों तेल ने भी अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है। सरसों का तेल जो पहले 120 रुपये लीटर तक था, वह अब खुदरा में 140-150 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। थोक दाम में कुछ रियायत है। इसके अलावा रिफायन, डालडा व देसी घी का दाम भी अधिक है। सफर भी हुआ महंगा

डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ने से अब सफर भी महंगा हो गया। पुराने किराये पर 20 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है। माल की ढुलाई भी महंगा हो गई। जिसका सीधा असर जेब पर पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल के साथ खाद्य तेल, दाल-चावल और रसोईगैस के दाम भी आसमान छू रहे हैं। इसका कारण वाहनों के ईंधन में आग लगना है।

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